टॉयलेट की दिशा का रखें खास ध्यान
वास्तु के मुताबिक, घर में टॉयलेट उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में नहीं होना चाहिए. यह दिशा देवताओं का स्थान माना जाता है और यहां टॉयलेट होने से न केवल आर्थिक परेशानी आती है बल्कि मानसिक अशांति भी बनी रहती है. टॉयलेट के लिए सबसे उपयुक्त दिशा पश्चिम या उत्तर-पश्चिम मानी जाती है.
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बंद रखें टॉयलेट का दरवाजा
अगर आपके घर का टॉयलेट हमेशा खुला रहता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देता है. इससे बेवजह धन की बर्बादी होती है. इसीलिए टॉयलेट का दरवाजा हमेशा बंद रखें और कोशिश करें कि उसके सामने कोई मंदिर या पूजा स्थल न हो.
रखें सफाई और सुगंध का ध्यान
गंदा और बदबूदार टॉयलेट भी नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. टॉयलेट की नियमित सफाई करें और उसमें नेचुरल फ्रेशनर या कपूर जैसी चीजें रखें. इससे वहां की ऊर्जा सकारात्मक बनी रहती है.
टॉयलेट सीट की दिशा भी है जरूरी
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, टॉयलेट सीट इस तरह होनी चाहिए कि बैठते समय व्यक्ति का मुंह उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर हो. इससे स्वास्थ्य और आर्थिक दोनों ही दृष्टियों से लाभ मिलता है.
लगाएं मनी प्लांट या नींबू का पौधा पास में
अगर संभव हो तो टॉयलेट के बाहर या पास की खिड़की पर मनी प्लांट या नींबू का पौधा रखें. ये पौधे नकारात्मक ऊर्जा को सोखते हैं और सकारात्मकता को बनाए रखते हैं, जिससे धन की वृद्धि में मदद मिलती है.
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