ईर्ष्या करना
विदुर नीति के मुताबिक जो व्यक्ति दूसरों की तरक्की देखकर ईर्ष्या करता है उसके जीवन में दुख हमेशा बना रहता है. इस तरह की भावना लोगों में आत्मविश्वास को कम कर देती है. ईर्ष्या करने वाला व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति के अंदर भी नकारात्मकता को बढ़ा देता है.
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नफरत करने वाला
नफरत या घृणा एक ऐसी भावना जो आपको अंदर से खाली कर देती है और अंत में नकारात्मकता और अकेलेपन के अलावा कुछ नहीं बचता है. दूसरों से नफरत करने वाला व्यक्ति के सगे संबंधियों से भी दूरी आ जाती है.
असंतोष करना
जीवन में अगर सुखी रहना है तो जो भी पास में उस चीज से ही संतोष करना चाहिए. विदुर नीति के मुताबिक, जिस व्यक्ति में संतोष नहीं होता है वह हमेशा दुखी रहता है. इस तरह के लोगों के पास सुख के साधन रहते हुए भी कभी खुश नहीं रहते.
क्रोध और शंका में रहना वाला
महात्मा विदुर ने कहा है कि जो व्यक्ति क्रोधी होता है उसके जीवन में दुख बना रहता है. गुस्सा व्यक्ति के रिश्तों को भी खराब कर देता है. आगे विदुर नीति में बताया गया है कि जो इंसान बात-बात पर शंका करता है और संदेह में जिंदगी जीता है उसका जीवन दुख में कटता है.
दूसरों पर निर्भर रहने वाला
मेहनत कर के ही सफलता मिलती है. जो व्यक्ति मेहनत को त्याग कर दूसरों पर निर्भर रहता है उसकी इज्जत नहीं होती है और ऐसा व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.