Vidur Niti: क्यों अच्छाई बन जाती है दुश्मनी की वजह, जानिए विदुर का नजरिया
Vidur Niti: अगर आप अच्छे हैं तो हर कोई आपको नहीं समझेगा. लेकिन विदुर नीति सिखाती है कि अपने मूल्यों से समझौता किए बिना सजग रहना ही बुद्धिमानी है.
By Shinki Singh | June 14, 2025 2:20 PM
Vidur Niti: कभी-कभी जीवन में हम सिर्फ अच्छा करते हैं किसी का बुरा नहीं सोचते हैं फिर भी कुछ लोग हमारे खिलाफ हो जाते हैं.महात्मा विदुर जो नीति, धर्म और व्यवहार के महान ज्ञाता थे उन्होंने इस मानसिक द्वंद्व का स्पष्ट उत्तर अपनी नीति में दिया है. विदुर नीति के अनुसार जब इंसान सच्चाई, ईमानदारी और अच्छाई के रास्ते पर चलता है तो कई लोग उससे असहज हो जाते हैं. यही अच्छाई कई बार ईर्ष्या, नफरत और दुश्मनी का कारण बन जाती है.तो चलिये जानते हैं ऐसे लोगों से निपटने के लिये विदुर नीति में क्या कहा गया है.
दूरी बनाकर रखें : विदुर कहते हैं जिस व्यक्ति के मन में बिना कारण द्वेष भरा हो वह कभी भी मित्र नहीं हो सकता.ऐसे लोग आपकी अच्छाई का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोग सामने तो अच्छे बनते हैं लेकिन पीछे से आपको नुकसान पहुंचाते हैं. विदुर नीति में ऐसे कपटी लोगों से दूरी बनाने की बात कही गई है.
अहंकार और हीन भावना रखने वालों से रहें दूर: कुछ लोग अपने अहंकार के कारण दूसरों की अच्छाई को स्वीकार नहीं कर पाते हैं. उन्हें लगता है कि कोई उनसे बेहतर कैसे हो सकता है. दूसरों की अच्छाई उन्हें अपनी हीन भावना का एहसास कराती है और इस असुरक्षा की भावना से वे उस अच्छे व्यक्ति के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपना लेते हैं. ऐसे लोगों से दूर रहें हैं.
ईर्ष्यालु व्यक्ति से दूरी: विदुर के अनुसार, ईर्ष्या करने वाला न तो खुद खुश रहता है और न ही दूसरों को खुश देख सकता है. ऐसे लोग हमेशा दूसरों की खुशियों में आग लगाना चाहते हैं.
छल-कपट करने वाले रखें दूरी : जो लोग मीठे बोलकर अपने स्वार्थ सिद्ध करते हैं और समय आने पर धोखा देते हैं उनसे हमेशा सावधान रहना चाहिए. विदुर नीति कहती है कि अहंकारी व्यक्ति न तो अपने दोष देखता है और न ही दूसरों की अच्छाई स्वीकार करता है. ऐसे लोग सिर्फ अपने हित की सोचते हैं.
क्या करें
ऐसे लोगों से दूरी बनाएं चाहे वह रिश्तेदार हों सहकर्मी या मित्र.
हमेशा सजग रहें और बिना जरूरत अपने विचार या योजनाएं न साझा करें.
शांत और संतुलित व्यवहार बनाए रखें क्योंकि यही आपकी शक्ति है.