क्या कहता है मनोविज्ञान?
अमेरिका की प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ. हेलेन फिशर (Helen Fisher) की किताब- “ऑटोनॉमी ऑफ लव” में बताया गया है “प्रेम केवल शारीरिक आकर्षण या उम्र को देखकर नहीं होता. बल्कि यह व्यक्ति की जरूरतों, अनुभवों और भावनात्मक अनुकूलता से जुड़ा होता है.”
Also Read: शादीशुदा पुरुषों को दूसरों की बीवी ज्यादा अच्छी क्यों लगती है?” चाणक्य नीति से जान ली वजह तो चौंक जाएंगे आप
क्या है मनोवैज्ञानिक कारण
भावनात्मक परिपक्वता और आत्मनिर्भरता
30 की उम्र के बाद की महिलाएं अक्सर खुद को अच्छी तरह जान चुकी होती हैं. वे आत्मनिर्भर होती हैं और किसी भी रिश्ते में प्रवेश केवल सामाजिक दबाव के कारण नहीं करतीं. उनका फोकस किसी ऐसे व्यक्ति पर होता है जो उन्हें सम्मान, सहयोग देने के अलावा उनके साथ खुला संवाद कर सकें. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि छोटे उम्र पुरुषों यह सब आसानी से मिल जाता है.
नयापन और जीवन में उत्साह की चाह
कम उम्र के पुरुषों में आमतौर पर नई सोच, जोश और रोमांच होता है. जो महिलाओं को बंधे हुए जीवन से बाहर निकलने का एहसास देता है. उन्हें जीवन में “नवीनता” और “फ्रेशनेस” का अनुभव कराता है.
कम प्रतिस्पर्धा और अधिक भावनात्मक स्पेस
कम उम्र के पुरुष, अक्सर 30 से अधिक उम्र के महिलाओं का करियर और जिम्मेदारियों को जज करने की बजाय उन्हें खुले मन से स्वीकार करते हैं. वे खुद को प्रतियोगी मानने के बजाय सहयोगी मानते हैं. इससे महिलाओं को मानसिक शांति मिलती है.
बायोलॉजिकल और हार्मोनल कारण
कुछ वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि महिलाओं में 30 की उम्र के बाद यौन इच्छा में वृद्धि देखी जाती है, जबकि पुरुषों में यह चीज 20 के दशक में ही पीक पर होती है. यह हार्मोनल अनुकूलता भी इस आकर्षण का एक हिस्सा हो सकता है.
असफल रिश्तों से सबक और नए अनुभव की चाह
कई महिलाएं जो तलाकशुदा या किसी रिश्ते से तुरंत बाहर आती है तो वह ऐसा पार्टनर चाहती है जो उनके बारे में किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न बनाएं. अधिकतर मामलों में देखा गया है कि युवा पुरुष उन्हें न केवल सुनते हैं बल्कि भावनात्मक रूप से सहज होने का मौका भी देते हैं.
Also Read: Chanakya Niti: बाइसेप्स वालों को नहीं, ऐसे लड़कों को दिल दे बैठती हैं महिलाएं