एक ही एरिया में चल रहे 427 छोटे-बड़े उद्योग, पूर्व में हाे चुकी है, कई आग की बड़ी घटनाएं
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
उत्तर बिहार के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक, मुजफ्फरपुर स्थित बेला औद्योगिक क्षेत्र के पुराने फेज-1 और फेज-2 में संचालित 427 छोटे और बड़े औद्योगिक इकाइयों की अग्नि सुरक्षा अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गयी है. पूर्व में भी इस क्षेत्र में आग लगने की कई घटनाओं के बावजूद, चौंकाने वाली बात यह है कि 16 किलोमीटर के विशाल क्षेत्रफल में फैली इस औद्योगिक एरिया में अग्निशमन विभाग का कोई एक्सटेंशन सेंटर नहीं है. यह स्थिति क्षेत्र में कार्यरत हजारों श्रमिकों और करोड़ों के निवेश के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करती है.
उद्यमियों को लगातार हादसों का डर
बेला औद्योगिक क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं कोई नयी बात नहीं हैं. पूर्व में कई बार यहां आग लगने के बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें जानमाल का नुकसान भी हुआ है. दो वर्ष पहले ही एक बॉयलर ब्लास्ट के साथ एक कार्टून फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी. जिससे इस क्षेत्र की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल हो गया था. इसके अलावा, शॉर्ट सर्किट की घटनाएं तो लगभग रोजमर्रा की बात हो गई हैं. जो कभी भी एक बड़े हादसे का रूप ले सकती हैं. इतनी बड़ी संख्या में, एक ही स्थान पर, विभिन्न प्रकार की इकाइयों का संचालन बिना किसी तत्काल अग्नि सुरक्षा कवर हो रहा है.
उद्यमियों की पुरानी मांग, अनसुनी अपील
उत्तर बिहार उद्यमी संघ लंबे समय से बेला औद्योगिक क्षेत्र में एक अग्निशमन एक्सटेंशन सेंटर की स्थापना की मांग करता रहा है. संघ के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में इकाइयों के संचालन और आग लगने की पूर्व घटनाओं को देखते हुए, क्षेत्र में एक समर्पित अग्निशमन केंद्र की तत्काल आवश्यकता है. उनका तर्क है कि मौजूदा अग्निशमन सेवाएं औद्योगिक क्षेत्र से काफी दूर हैं, जिससे आग लगने की स्थिति में प्रतिक्रिया समय में अनावश्यक देरी होती है. जो बड़े नुकसान का कारण बन सकती है.
16 किमी. का विशाल क्षेत्रफल, अधूरी सुरक्षा
बेला औद्योगिक क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल लगभग 16 किलोमीटर रोड में फैला हुआ है. इस विशाल क्षेत्र में, विभिन्न प्रकार के उत्पादन और विनिर्माण गतिविधियां संचालित होती हैं, जिनमें ज्वलनशील सामग्री का उपयोग भी शामिल है. ऐसे में, आग लगने की स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया करने के लिए एक स्थानीय अग्निशमन एक्सटेंशन सेंटर की अनुपस्थिति एक बड़ी खामी है. नुकसान के साथ श्रमिकों की सुरक्षा को भी खतरे में डालती है.
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