श्रावणी मेला के 20वें दिन बुधवार को शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि पर अजगैवीनाथ धाम से गंगाजल लेकर तकरीबन पौने दो लाख से अधिक कांवरियों ने बाबा बैद्यनाथ धाम प्रस्थान किया. भक्ति से ओतप्रोत कांवरिये अपनी मनोकामनाएं बाबा दरबार में प्रस्तुत करने निकल पड़े. बंगाल से आये कांवरियों के आकर्षक कांवर, रंग-बिरंगे वस्त्र और शंख-घंटियों की ध्वनि ने कांवर पथ को भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम बना दिया. बंगाल, नेपाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश व झारखंड से आये श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. कृष्णगढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक शाम पांच बजे तक 1, 74, 333 सामान्य कांवरिया और 854 डाक बम सुलतानगंज से बाबाधाम रवाना हो चुके थे. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मार्ग में व्यापक इंतजाम किये हैं. चिकित्सा शिविर, पेयजल व्यवस्था, सुरक्षाकर्मी और विश्राम स्थलों की बेहतर व्यवस्था से कांवरियों को राहत मिल रही है. कांवर पथ पर जगह-जगह आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने श्रद्धालुओं की थकान को आनंद में बदल दिया. कांवरियाें ने बताया कि सावन में अजगैवीनाथ की उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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