मई व जून में सूख जा रहे चापाकल, शहर में पेयजल संकल्प
प्रतिनिधि,
दाउदनगर.
दाउदनगर शहर में जलस्तर की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. जहां पहले 25-30 फीट पर भू-जल उपलब्ध होता था, वहीं आज जलस्तर घटकर 80 से 150 फीट की गहराई तक पहुंच गया है. यह गिरावट आमजनों के लिए पेयजल संकट का संकेत है और गहरी चिंता का विषय बनता जा रहा है. प्रत्येक वर्ष मई-जून महीनों में पेयजल की किल्लत से संबंधित समस्याएं दाउदनगर शहर के कई इलाकों में होने लगी हैं, जबकि दाउदनगर शहर व इलाका नहर सिंचित क्षेत्र है. सोन नदी इस इलाके से होकर गुजरती है, फिर भी शहर के कई इलाकों में भीषण गर्मी के दिनों में पेयजल संकट होना आम बात सी हो गयी है. स्थिति यह बन जाती है कि चापाकल तक जवाब देने लगते हैं. नगर पर्षद की ओर से टैंकर से पानी पहुंचाया जाता है. इससे समझा जा सकता है कि आने वाले समय में शहर को किस प्रकार पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है.अधिकांश पुराने तालाब अतिक्रमण के शिकारजल संचय का एक महत्वपूर्ण श्रोत तालाब व पोखरा हैं, लेकिन अधिकतर पुराने तालाब व पोखर या तो अतिक्रमण के शिकार हो चुके हैं या फिर अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जलकर के जलस्रोत बरसात का पानी और नाला हुआ करता था. जानकारों का कहना है कि दाउदनगर शहर में ही चार जलकर थे. इनमें सोन तटीय क्षेत्र के पास स्थित केवलापति तालाब अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. वार्ड संख्या एक अमृत बिगहा के तालाब का जीर्णोद्धार कराये जाने की कवायद नगर पर्षद द्वारा की जा रही है. हालांकि, कब तक काम शुरू होगा, यह कहा नहीं जा सकता है. वार्ड संख्या 16 व वार्ड 27 में भी तालाब है, जो अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सूत्रों से पता चला कि अंचल कार्यालय की ओर से करीब पांच वर्ष पहले बनायी गयी सूची के अनुसार सरकारी जलकरों की संख्या 64 हैं.
वार्ड पार्षद एवं पूर्व स्टैंडिग कमिटी सदस्य बसंत कुमार ने कहा कि भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से शहरवासी जूझ रहे हैं. जल जीवन हरियाली योजना सरकार द्वारा संचालित की जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. तालाब व कुएं के साथ जल संग्रह की कोई योजना नहीं है. पेड़-पौधों भी उस अनुपात में नहीं लग रहे हैं, जिस अनुपात में अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही है. नगर पर्षद दाउदनगर क्षेत्र में नल-जल का पाइप कई किलोमीटर हटा दिया गया है, जिससे संबंधित इलाकों में पानी की किल्लत हो रही है. वार्डों के मुहल्लों में पानी संग्रह के लिए लोगों को जागरूक करते हुए योजना बनाने की जरूरत है़
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
चारों और पानी ही पानी, लोगों की बढ़ गयी परेशानी
Bokaro News : क्यूसी टूल्स व टेक्नीक्स से कार्य दक्षता व प्रक्रियाओं की समग्र गुणवत्ता में होगा सुधार
Deoghar news : शिवलोक क्षेत्र में मेला देखने आये बिहार के श्रद्धालु की बाइक चोरी
Deoghar news : श्रावणी मेले में ड्यूटी पर आये जमशेदपुर के पुलिस जवान की मौत