Darbhanga : एमएसपी दर पर गेहूं बेचने में किसानों की दिलचस्पी नहीं, खुले बाजार में मिल रही अधिक कीमत

अब तक मात्र 16 किसानों ने ही एमएसपी दर पर बेची गेहूं की फसलइस बार भी जिला के लक्ष्य से पीछे रह जाने के आसारDarbhanga : दरभंगा. जिला में

By NAVENDU SHEKHAR PA | April 11, 2025 6:40 PM
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अब तक मात्र 16 किसानों ने ही एमएसपी दर पर बेची गेहूं की फसलइ

Darbhanga : दरभंगा. जिला में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीदारी एक अप्रैल से आरंभ हो गयी है, लेकिन इसकी रफ्तार काफी सुस्त है. उल्लेखनीय है कि पछिले कुछ वर्षों से आम किसान एमएसपी दर पर गेहूं नहीं बेचते हैं. केवल पैक्स व व्यापार मंडल से जुड़े किसान ही लक्ष्य पूरा करने के लिए एमएसपी दर पर गेहूं की फसल बेचते हैं, बावजूद जिला का लक्ष्य पूरा नहीं होता है. विभाग द्वारा तय एमएसपी दर राज्य व जिला नहीं, बल्कि केंद्र स्तर पर तय किया जाता है. दूसरी ओर खुले बाजार में अधिक मांग व कीमत मिलने की वजह से किसान एमएसपी दर पर फसल बेचने में दिलचस्पी नहीं लेते.

किसानों को घर बैठे मिल जाती अधिक कीमत

किसान भोला सिंह, सुनील यादव, रिजवान, विनय कुमार, दीपक झा आदि ने बताया कि गेहूं की तय एमएसपी दर बाजार भाव से काफी कम है. किसानों को खुले बाजार में फसल बेचने पर बगैर कोई झंझट के घर बैठे काफी लाभ मिल रहा है. ऐसे में किसान सरकारी क्रय केंद्र पर फसल बेचने से बच रहे हैं. इस साल गेहूं का एमएसपी दर 24 सौ रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि किसानों से बाजार के व्यापारी खलिहान में ही 27 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से नकद खरीद रहे हैं. किसानों को व्यापारी ने लेवर कॉस्ट, बोरा व लेट लतीफ भुगतान से मुक्त कर दिया है. हालांकि जिला के कई खुले बाजारों में व्यापारी किसानों को 34 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से नकद भुगतान कर रहे हैं. किसान कौशल, विकास, राजीव झा, इम्तियाज आदि ने बताया कि दरवाजे पर रखे गेहूं बेचने के लिए बाजार में आने पर यातायात पुलिस व थाना पुलिस अलग परेशान करती है. इस परेशानी की शिकायत सहकारिता विभाग के पदाधिकारी से करते हैं तो वे अनसुना कर जाते हैं. इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए दरवाजे पर ही व्यापारी के हाथों गेहूं बेच देते हैं.

हाथों-हाथ मिल जाता पैसा

किसान अनिल सिन्हा, मनीष कर्ण, अजय कुमार, पवन हंस आदि ने बताया कि सरकारी भाव बाजार से काफी कम है. दूसरा फायदा यह है कि व्यापारी किसानों को हाथोंहाथ रुपया भी दे देते हैं. ऐसे में आखिर कम भाव में गेहूं क्यों बेचेंगे. बताया कि पिछले साल भी बाजार मूल्य से एमएसपी दर कम होने की वजह से कई किसानों ने अपना फसल खुले बाजार में ही बेच दिये थे.

एक पखवाड़ा पहले शुरू हुई खरीद

इधर विभाग की मानें तो किसानों को उत्पादन का उचित मुआवजा उपलब्ध कराने के लिए पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 15 दिन पूर्व ही जिला में 209 क्रय केंद्र खोले गये हैं. किसानों को सहजता से अधिकतम 48 घंटे के अंदर बैंक खाता के माध्यम से भुगतान कराने के लिए चयनित क्रय केंद्र अध्यक्षों के बैंक खाता में सीसी (कैश क्रेडिट) राशि उपलब्ध करा दी गयी है. विभाग का मानना है कि अभी गेहूं की कटनी पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है, इस वजह से किसान क्रय केंद्र की ओर नहीं आ रहे हैं. इस वर्ष गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. पिछले वर्ष 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रारंभ हुई थी.

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