संवाददाता, देवघर . बाबा बैद्यनाथ धाम की पवित्रता और भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर से निकलने वाले नीर को संरक्षित करने की दिशा में 50 लाख रुपये खर्च किये गये थे. योजना थी कि नीर को साफ कर मानसरोवर को रिचार्ज किया जायेगा और इसकी ब्रांडिंग भी की जाएगी. पर हकीकत ये है कि अबतक न तो प्लांट चालू हो पाया है, न ही इसका मेंटनेंस हुआ है. नीर को पाइपलाइन के जरिये सुविधा केंद्र के पीछे लगे प्लांट तक लाया गया था, लेकिन पाइपलाइन में कई बार लिकेज हो गया. अब यह पवित्र नीर गंदे नाले में बह रहा है . उसी नाले में जहां मंदिर स्थित शौचालय का गंदा पानी भी गिरता है. इससे भक्तों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंच रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रायल के बाद प्लांट एक बार भी ठीक से नहीं चला. नीर को शुद्ध करने का दावा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है. पाइपलाइन लिकेज की शिकायतें भी दो से तीन बार आ चुकी हैं, लेकिन अबतक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है. कहते हैं अधिकारी अब ऐसी समस्या नहीं होगी, इस प्लांट को निगम को हैंड ओवर कर दिया गया है. नौ जुलाई को इसका टेंडर है. उसके बाद ये लगातार चलेगी और नीर संरक्षण का काम कभी बंद भी नहीं होगा. भक्तों की आस्था बनी रहे ये मंदिर प्रशासन की पहली प्राथमिकता है. फिलहाल गुरुवार को लिकेज को ठीक करा लिया जायेगा. रवि कुमार, एसडीएम सह बाबा मंदिर प्रभारी
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