मधुपुर . शहर के भेडवा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र परिसर में गुरुवार को जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में प्रेमचंद की जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया. मौके पर उपस्थित लोगों ने प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये. इस अवसर पर जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष धनंजय प्रसाद ने विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि लेखक आवाम की अनुभूतियों का आईना होता है और अपनी जगह से वह हमेशा सच का रास्ता दिखाता है. साथ ही उन ताकतों को बेनकाब करता है , जो इस दुनियां को बेनूर और बदसूरत बनाने पे तुले हुए है. ऐसे ही लेखक थे कलम के सिपाही, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद. वो विश्व के तीन बड़े लेखकों में शुमार होते है. प्रेमचंद राज सत्ता के नहीं लोकसत्ता के लेखक थे. वे सदैव सत्य और न्याय के पक्षधर थे और सत्य के पक्ष में डटे खड़े रहे. यदि झूठ और अन्याय के विरुद्ध ही सृजन किया है. मौके पर जलेस के जिला सचिव कपिलदेव राणा ने कहा प्रेमचंद आम आदमी के लेखक थे , उन्होंने हर तरह के पात्रों को अपनी लेखनी का आधार बनाया. सुरेश गुप्ता ने कहा प्रेमचंद एक सार्थक व्यक्ति रहे हैं और रहेंगे. समाज के हर पहलुओं पर तस्वीर खींची है. तासीर मधुपुरी ने प्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डाला. इसके अलावा कबीर , आलोक आदि कई लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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