गालूडीह. रज पर्व पर घाटशिला के धातकीडीह गांव में पीपल वृक्ष के नीचे किशोरियों व महिला स्वयं सेवकों के नेतृत्व में पीरियड एंड साइंस विषय पर कार्यशाला हुई. इसमें रजस्वला और पीरियड से जुड़ी सामाजिक मान्यताओं व किंवदंतियों पर खुली बहस हुई. इस दौरान यह तथ्य निकल कर सामने आया कि माहवारी के प्रति सामाजिक जागरूकता बढ़ी है और इससे जुड़ी भ्रांतियों में कमी आयी है. कई इलाकों में रूढ़िवादी विचार अभी भी हावी हैं. कार्यशाला में महिला शिक्षा, माहवारी स्वच्छता, किशोरी महिला स्वास्थ्य, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समाज में आने वाले संभावित बदलावों समेत अन्य विषयों पर चर्चा हुई. कहा गया कि गांव की लगभग महिलाएं पिछले दो वर्षों से री-यूजेबल पैड का इस्तेमाल कर रही हैं. महिलाओं को नया पैड उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. मौके पर महिलाओं को प्रोजेक्ट बाला री-यूजेबल पैड का उपहार दिया गया. गांव की वैसी महिलाओं को भी चिह्नित कर उन्हें अभियान से जोड़ने का संकल्प लिया गया, जो गांव में नयी है. महिलाओं व किशोरियों ने बताया कि री-यूजेबल पैड के इस्तेमाल से उन्हें सहूलियत होती है. हर माह पैड खरीदने के खर्च समेत उपयोग किये गये नैपकिन के निपटान से जुड़ी समस्याओं से भी निजात मिली है. कार्यक्रम के दौरान सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार, उमवि धातकीडीह के प्राचार्य साजिद अहमद, स्वास्थ्य साहिया गुरुवारी सोरेन, संयोजिका पार्वती मुर्मू, शिक्षिका सींगों सोरेन, फुलमनी मुर्मू, मौमिता मुर्मू, बासी हांसदा, एवं अन्य ने अपने विचार रखे. इस दौरान गांव और आसपास के इलाके में अभियान को और भी बेहतर बनाने को लेकर योजना पर चर्चा हुई. कार्यक्रम को बेहतर बनाने में वोलेंटियर के रूप में छात्राएं मानको, संजना, शुस्मिता, किरण, फुलमनी, कास्मिता, सीमा, साकरो, मनीषा आदि ने भूमिका निभायी. कार्यक्रम में गांव की 80 से ज्यादा महिलाओं और किशोरियों शामिल हुई.
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