Farmer Protest: सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर, दिल्ली की सीमा पर लगाए गये लोहे के नुकीले अवरोधक
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती शहर की सीमाओं का दौरा किया. दिल्ली की सीमा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है.
By Amitabh Kumar | February 12, 2024 1:12 PM
देश की राजधानी दिल्ली में 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. इसके साथ ही यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं. मामले पर उत्तर पूर्व के डीसीपी जॉय तिर्की का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हम सोशल मीडिया पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. साथ ही, हमें जो इनपुट मिल रहा है उसकी निगरानी भी की जा रही है.
वाहनों के बैरिकेड्स और लोहे के बैरिकेड्स का उपयोग
उन्होंने कहा कि हमने यूपी, हरियाणा और पंजाब के अंदर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खास इंतजाम किये हैं. वहां की सारी जानकारी हमतक पहुंच रही है. हमने 11 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट जिले में कुछ खास व्यवस्था शुरू की थी. सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर थोड़ा प्रेशर देखने को मिल सकता है. इसके लिए व्यवस्था की जा रही है. बॉर्डर पर चेकिंग मल्टी लेयर की होगी. हम वाहनों के बैरिकेड्स और लोहे के बैरिकेड्स का उपयोग कर रहे हैं. धारा 144 लागू करने का नोटिस जारी किया जा चुका है. 13 फरवरी की तैयारी हमारी पूरी है.
#WATCH | On security arrangements ahead of farmers' call for March to Delhi, North East DCP Joy Tirkey says, "We are monitoring everything including social media & the inputs we are receiving. We have deployed advance porters deep inside UP & Haryana and Punjab. We are getting… pic.twitter.com/AzgBQfzyGx
वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए राजधानी की सीमाओं पर कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी इस बार की गई है. दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर इन अवरोधकों का असर नजर आ रहा है. लोगों को असुविधा हो रही है.
13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर किसान संघों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है. वे फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना चाहते हैं. किसान संघों ने 13 फरवरी यानी मंगलवार को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. यदि आपको याद हो तो किसान 2021 में अपना आंदोलन वापस लेने के लिए जिन शर्तों पर राजी हुए थे उनमें से एक एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाना थी.