Home Opinion इन शिक्षकों की सुध कौन लेगा?

इन शिक्षकों की सुध कौन लेगा?

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शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता सह-सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इनसे शिक्षकों का मनोबल कितना बढ़ेगा यह तो समय ही बतायेगा, परंतु शिक्षा विभाग ने अपने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में अल्पसंख्यक एवं अनुदानित विद्यालयों के शिक्षकों को शामिल न कर एक गलत उदाहरण प्रस्तुत किया है.
वैसे भी राज्य के 131 अल्पसंख्यक उच्च विद्यालयों के शिक्षकों को सात महीने से वेतन नहीं मिला है, तो फिर सम्मान देने की बात तो कोसों दूर है. सातवें वेतनमान से इन्हें वंचित रखना, अंशदायी पेंशन लागू न करना आदि सरकार की विफलता ही है.
राज्य में शिक्षा के स्तर को उठाना दूर की कौड़ी नजर आती है. अतः इन शिक्षकों के प्रति सरकार सकारात्मक रवैया रखे, ताकि बुलंद हौसलों के साथ वे देश की प्रगति में सहायक हो सकें .
सकलदेव सिंह, तोरपा
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