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बढ़ायें बच्चों के लिए एक कदम

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हमारे लिए गर्व की बात है कि कैलाश सत्यार्थी जी को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. हम सब देशवासियों को उन्हें सलाम करने की जरूरत है. वह मानवता के प्रतीक हैं. हम सबको उनसे प्रेरणा लेने और सीखने की जरूरत है. मैं एक मां हूं.
इस नाते कह सकती हूं कि उन्होंने अस्सी हजार मांओं की भूमिका निभायी है. उन्होंने यातना सहते बच्चों को नया जीवन दिया है और इससे बढ़कर कोई पूजा नहीं हो सकती. मलाला की एक बात नयी आशा जगा रही है कि वह भारत और पाकिस्तान, दोनों मुल्कों में अमन-चैन चाहती हैं. मलाला का यह बयान काबिले तारीफ है कि वह नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ को एक साथ लाकर पुरस्कार ग्रहण करना चाहती हैं.
हम सबको अपने देश को अग्रसर करने के लिए, तमाम बुराइयों को खत्म करने के लिए संकल्प लेना चाहिए. कैलाश जैसे महानायक से वाकई देश को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है.
सरोज सिंह, नयी दिल्ली
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