इसमें एक विशेष सत्र ‘परिवर्तनीय साहित्यिक आस्वाद’ और इसे प्रभावित करने वाले तथ्यों पर आयोजित किया. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के हितों को ध्यान में रखते हुए ‘एपीजे बांग्ला साहित्य उत्सव’ के लिए कुल मिला कर 20 सत्रों का आयोजन किया गया.
‘पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड’ के महासचिव त्रिदिब चटर्जी ने लेखक शिरशेंदु मुखोपाध्याय, कवि शंख घोष और प्रमुख फिल्म निर्माताओं अरिंदम सिल और कौशिक गांगुली समेत जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के जानकारों ने इसमें हिस्सा लेकर इसकी शोभा बढ़ायी.
आयोजन के मेजबान, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के कुलपति सब्यसाची बसु रे चौधरी ने कहा कि इस तीन दिवसीय आयोजन के लिए जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी उपयुक्त जगह है.
उन्होंने कहा, ‘हमें बहुत खुशी है कि इस साल यह साहित्योत्सव, जोड़ासांको में टैगोर के निवास स्थान पर आयोजित हुआ. यह वह जगह है, जहां साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई व्यक्ति का जन्म हुआ था.’
इस उत्सव की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी. ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर ने इस उत्सव के पहले तीन संस्करणों की मेजबानी की थी.