रांची : ‘वक्त की अलगनी पर’ कविता संग्रह में कवयित्री ने दिल के दर्द को शब्दों में पिरोया है. साथ ही उनकी कविता में एक लय है जो जीवन की अनिवार्य शर्त है. कविताएं सहज और कोमल मन की अभिव्यक्ति है. उक्तें रांची के वरिष्ठ साहित्यकार और रांची विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर अशोक प्रियदर्शी ने कही. उन्होंने युवा कवयित्री रश्मि शर्मा के कविता संग्रह ‘वक्त की अलगनी पर ’ के लोकार्पण समारोह में कही. उन्होंने कहा कि किसी भी पुस्तक की समीक्षा उसके लोकार्पण के वक्त नहीं होनी चाहिए, यह वक्त प्रशंसा का है. हमें खुश होना चाहिए कि हमारी लाइब्रेरी और समृद्ध हुई.
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