रक्षाबंधन पर पढ़ें, भाई-बहन के प्रेम को समर्पित एक कविता

एक बहन अपने भाई की कितनी चिंता करती है और उसका भाई अपनी बहन के लिए किस कदर पूरी दुनिया से लड़ सकता है, यह पर्व उसका परिचायक है. बचपन से लेकर बुढ़ापे तक भाई-बहन का संबंध तमाम खट्टी-मीठी यादों से जुड़ा होता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2023 4:20 PM
an image

Raksha Bandhan special : भारतीय संस्कृति में रक्षा बंधन एक अनोखा त्योहार. ये त्योहार जाति और धर्म की दीवारों से परे हैं. एक बहन अपने भाई की कितनी चिंता करती है और उसका भाई अपनी बहन के लिए किस कदर पूरी दुनिया से लड़ सकता है, यह पर्व उसका परिचायक है. बचपन से लेकर बुढ़ापे तक भाई-बहन का संबंध तमाम खट्टी-मीठी यादों से जुड़ा होता है. भाई-बहन के इसी प्यार को दर्शाती एक कविता पढ़ें, जिसे लिखा है अहमद दरवेश ने.

इस चिंता का कोई धर्म नहीं है

इस चिंता का कोई धर्म नहीं है

मैं ठीक से खाना नहीं खाता हूं

दवाइयां वक्त पर नहीं लेता हूं

अपनी जिंदगी के प्रति लापरवाह हूं

ससुराल में बैठी, मेरी बहन को यह चिंता सताती है

इस चिंता का का कोई धर्म नहीं है

प्यार भरी झिड़की का कोई धर्म नहीं है

कलाई में बंधा कच्चा धागा

जो कभी नजर आता है, कभी ओझल हो जाता है

लेकिन हमेशा यह एहसास दिलाता है

मेरी मुसीबत की सुनकर वह दौड़ पड़ेगी

मेरे गिर्द हिफाजत का एक हिसार खींच देगी

इस एहसास का भी कोई धर्म नहीं है

या शायद मेरा तुम्हारा धर्म यही है…

Also Read: Mehndi Design PHOTOS: फेस्टिव सीजन में लगाएं लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन

Also Read: Raksha Bandhan Mehndi Design PHOTOS: रक्षाबंधन पर हाथों में लगाएं मेहंदी के लेटेस्ट डिजाइन

संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version