Shani ki ulti chaal 2023: ज्योतिष शास्त्र में शनि को सूर्य पुत्र भी कहा जाता है इन्हें काफी क्रूर माना जाता है. इनको न्यायधीश भी कहा जाता है. इनकी दृष्टि में जो नाराजगी है वह इनकी पत्नी के कारण है. इनकी पत्नी ने श्राप दिया था कि आप जिसको देखें उसका सब बर्बाद हो जाएगा. नवग्रह में शनि सूर्य से सर्वाधिक दुरी पर है. शनि को कई नाम से से जाना जाता है. इन्हें मंदगामी, सूर्य- पुत्र, शनिचर तथा छायापुत्र के नाम से जाना जाता है. शनि की गति बहुत धीमी है इस कारण इन्हें धीमी चाल का ग्रह कहा जाता है. एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने में इन्हें कुल साढ़ेसात वर्ष लग जाते हैं. शनि ठंडक देने वाला ग्रह हैं शनि की महादशा में जातक को बहुत ही परेशानी होती है. लेकिन शनि की अशुभता तब होती है जब जन्म कुंडली में शनि नीच तथा शत्रु अवस्था में हों. इनके गोचर काल में जीवन जादू टोना का कारक बन जाता है. लेकिन शुभ होने पर शनि अपनी महादशा में सौभागयशाली तथा दीर्घायु बनाता है. शनि दो राशियों का स्वामित्व करते हैं. मकर और कुम्भ वर्तमान में शनि कुम्भ राशि में गोचर कर रहे हैं. शनि अपने ही राशि में वक्री हैं लेकिन शनि जब वक्री होते हैं तब जिस भाव में शनि बैठे रहते हैं उनके लिए थोड़ी परेशानी होती है लेकिन इनकी दृष्टी जिस भाव पर या जिस राशि पड़ पड़ता है उनको मालामाल कर देता है. ऐसे में शनि को तुला राशि बहुत ही प्रिये होते है. इस राशि में शनि उच्च के माने जाते हैं. इसलिए तुला राशि पर शनि निरंतर कृपा दृष्टि बनाकर रखे रखते हैं.
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