Navratri 2025: बिहार में 30 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू, तीन अप्रैल को चैती छठ, इन मनेगी रामनवमी

Navratri 2025: इस बार चैत्र नवरात्र आठ दिन का होगा. क्योंकि चैत्र नवरात्र में एक तिथि का क्षय है. इसलिए चैती छठ भी तीन दिन का ही है.

By Radheshyam Kushwaha | March 24, 2025 7:12 PM
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Chaitra Navratri 2025: हिंदू कैलेंडर का नववर्ष विक्रम संवत-2082 का शुभारंभ 30 मार्च से हो जायेगा, इसी दिन हिंदू नववर्ष मनाया जायेगा. यह हिंदू नववर्ष की पहली तिथि है और इसी तिथि से शक्ति की नौ दिवसीय उपासना प्रारंभ होती है. इसी तिथि से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ होगा. इस बार के चैत्र नवरात्र में घटस्थापना का मुहूर्त दिनभर है, लेकिन दोपहर 12.00 बजे से पूर्व कलस्थापना सर्वोत्तम होगा. इस बार के चैत्र नवरात्र में एक तिथि का क्षय है, जिससे इस बार का नवरात्र आठ दिन का है. चौठी एवं पंचमी तिथि एक ही दिन है.

चैती छठ पूजा का नहाय-खाय कब है?

30 मार्च को प्रतिपदा, 31 मार्च को द्वितीया और एक अप्रैल को तृतीया तिथि पड़ेगी. वहीं, दो अप्रैल को चौठी एवं पंचमी तिथि पड़ेगी. इसी तिथि को चैती छठ पूजा का नहाय-खाय एवं खरना होगा. वहीं, तीन अप्रैल को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य एवं चार अप्रैल को उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जायेगा. इस बार का चैती छठ तीन दिन का ही है. वहीं, नवरात्र की बात करें, तो तीन अप्रैल को षष्ठी, चार अप्रैल को सप्तमी, पांच अप्रैल को महाअष्टमी, छह अप्रैल को महानवमी यानी रामनवमी मनायी जाएगी.

कलश स्थापना कब होगा?

30 मार्च को कलश स्थापना व मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री देवी की पूजा होगी. वहीं, 31 मार्च को मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी. एक अप्रैल को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा, दो अप्रैल को चतुर्थी एवं पंचमी तिथि है, इसलिये इस दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप देवी कुष्मांडा व पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता की पूजा एवं ध्यान किया जाएगा. तीन अप्रैल को मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी देवी की पूजा होगी. इस दिन बेलनेवतन किया जायेगा.

महा-अष्टमी तिथि कब है?

चार अप्रैल को सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा होगी. इसी दिन विशेष पूजा के बाद आम श्रद्धालुओं के दर्शन एवं पूजन-अर्चन के लिए मां के पूजा पंडाल का पट खोल दिया जाता है. पांच अप्रैल को नवरात्र की महा-अष्टमी तिथि है. इस दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप देवी महागौरी की पूजा एवं ध्यान किया जाएगा. इसी तिथि को निशा पूजा, व्रत-उपवास एवं रात्रि जागरण का विधान है. छह अप्रैल को नवरात्र की नवमी तिथि को मां दुर्गा के नवम स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा एवं ध्यान किया जाएगा. इस दिन कन्या पूजन, हवन एवं कन्या भोजन एवं दान-पुण्य का विधान है.

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