– लोहे से बनी वस्तुएं
गंगा दशहरा के दिन लोहे या लोहे से बनी वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची, कील, छुरी आदि दान नहीं करनी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, ये वस्तुएं राहु और शनि से जुड़ी होती हैं और इन्हें दान करने से जीवन में क्लेश, विवाद और मानसिक तनाव बढ़ सकता है.
– काले रंग के कपड़े
धार्मिक दृष्टिकोण से काला रंग शनि और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. गंगा दशहरा के दिन यह रंग अशुभ प्रभाव डाल सकता है. काले वस्त्रों का दान करने से जीवन में अवरोध और दुर्भाग्य आने की संभावना बढ़ती है. इस दिन सफेद, पीले या लाल रंग के वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है.
– नमक या खट्टी चीजें
गंगा दशहरा पर नमक या खट्टी चीजें जैसे इमली, नींबू आदि का दान वर्जित माना गया है. ये वस्तुएं शरीर और मन में असंतुलन पैदा कर सकती हैं और इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. धार्मिक रूप से भी ये शुद्धता को बाधित करती हैं.
– टूटी-फूटी वस्तुएं
इस दिन फटे कपड़े, टूटा बर्तन, खराब जूते या पुरानी चीजें दान नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से मां गंगा की कृपा की जगह नाराजगी प्राप्त हो सकती है। यह दान अपवित्र माना जाता है और घर में दरिद्रता लाने वाला होता है.
– अशुद्ध या जूठी चीजें
किसी भी धार्मिक पर्व पर जूठी या अशुद्ध वस्तु का दान पूर्णत: निषिद्ध है. गंगा दशहरा पर तो यह विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह दिन पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक है. ऐसी वस्तुएं दान करने से पुण्य की जगह पाप लग सकता है.
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गंगा दशहरा जैसे पावन दिन पर किया गया हर कार्य जीवन में पॉजिटिव एनर्जी लाता है, लेकिन भूलवश की गई गलतियां अशुभ परिणाम भी दे सकती हैं. इसलिए इन वस्तुओं के दान से परहेज कर, शुद्ध और सात्त्विक चीजों का दान करें, जिससे मां गंगा की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सुख-शांति बनी रहे.