Pitra Dosh Upay: पितृ दोष निवारण के लिए धारण करें ये रत्न
Pitra Dosh Upay: पितृ दोष से मुक्ति के लिए आपको कौन से रत्न धारण करने चाहिए और इससे आपके जीवन में क्या सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं आइए जानें
By Shaurya Punj | September 19, 2024 11:43 AM
Pitra Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र में ऐसे तो कई दोष है लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावी दोष माना जाता है जो वयोक्ति के जीवन में कई तरह से कष्ट देता है. जब किसी वयोक्ति के जन्मकुंडली में पितृ दोष का निर्माण होता है.कार्य में मन नहीं लगता है, कार्य में सफलता नहीं मिलती है, अगर व्यापार किए है व्यापार ठीक नहीं चलता है कार्य में सफलता नहीं मिल रहा है,नौकरी कर रहे है उसमे परेशानी,अधिकारी के साथ अनबन बन रहा है.संतान होने में विलम्ब,अगर संतान हो रहा है सिर्फ कन्या होगी.ऐसी समस्या बने समझ ले आपके ऊपर पितृ दोष बना हुआ है.
व्यक्ति के लगन कुंडली में सूर्य शनि के घर में बैठा हो या शनि और सूर्य की युति कुंडली के किसी भाव में बना हुआ है. शनि और सूर्य की दृष्टी एक दुसरे पर बना हुआ है.सूर्य के साथ राहु और केतु कुंडली के किसी भाव में हो तब पितृ दोष का निर्माण होता है.
कैसे धारण करे गोमेद रत्न ?
गोमेद रत्न दाहिने हाथ के अनामिका उंगली में चांदी की अंगूठी में गोमेद रत्न को बनवाए.
शनिवार को सुबह स्वाति आद्रा , शतभिखा नक्षत्र में गोमेद रत्न धारण करना बहुत ही लाभकारी होगा.
गोमेद रत्न धारण करने से पहले गंगाजल या दूध में दो ले. राहु के बीज मंत्र का जाप करे. ॐ रां राहवे नमः.मंत्र का जाप करे.
राहू का प्रभाव
राहु व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालता है.राहु पाप ग्रह है इनको किसी भी राशि का स्वामित्व नहीं मिला है. राहु के साथ कोई शुभ ग्रह हो उनका प्रभाव नष्ट कर देता है. राहु एक राशि में में 18 महीना रहते है.फिर वक्री चाल से राशि परिवर्तन करते है.इन दोनों ग्रह का प्रभाव जन्मकुंडली के किसी एक भाव में या किसी एक पर दृष्टी बना हुआ है. इस अवस्था में गोमेद रत्न बहुत ही उपयोगी होता है. इस रत्न को धारण करने से नकारात्मक शक्तिया दूर होता है.गोमेद राहु का रत्न है बहुत प्रभावी रत्न है.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847