यह वाकया एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन की समाप्ति से ठीक पहले का है, जब भारत ने महसूस किया कि डकेट और उनके जोड़ीदार जैक क्रॉली जानबूझकर समय बर्बाद कर रहे हैं, ताकि स्टंप्स से पहले केवल अनिवार्य एक ही ओवर खेलना पड़े. दिन का खेल खत्म होने में लगभग 5 मिनट बाकी थे, तब इंग्लैंड की दूसरी पारी शुरू हुई. भारत चाहता था कि जसप्रीत बुमराह का ओवर 11 बजे (IST) की कट-ऑफ से पहले खत्म हो जाए, ताकि एक और ओवर डाला जा सके. इस रणनीति को भांपते हुए, क्रॉली जानबूझकर धीरे-धीरे स्ट्राइक लेने लगे और कई बार रन-अप शुरू होने से पहले ही पीछे हट गए.
हालांकि क्रॉली ने नियमों के दायरे में रहते हुए समय लिया. टेस्ट क्रिकेट में इस तरह की रणनीति कोई नई बात नहीं है. हालांकि, भारत उस मौके पर बेहद बेताब था और उन्हें लगा कि विरोध जताना जरूरी है. लेकिन अंपायर्स पूरी तरह निष्क्रिय नजर आए और उन्होंने स्थिति को संभालने की कोई ठोस कोशिश नहीं की.
पांचवीं गेंद से पहले जब डकेट और क्रॉली क्रीज के बीच में बातचीत करने लगे, तब शुभमन गिल सीधे उनके पास पहुंचे और स्पष्ट शब्दों में फटकार लगाई. स्लिप कॉर्डन में खड़े फील्डर्स और स्टंप्स के पास मौजूद मोहम्मद सिराज ने भी आक्रामक अंदाज में प्रतिक्रिया दी. स्थिति और तनावपूर्ण तब हो गई जब बुमराह की पांचवीं गेंद सीधी क्रॉली की उंगलियों पर लगी. वो दर्द से कराहते हुए पीछे हटे, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को लगा कि यह सब नाटक था. गिल उनकी ओर ताली बजाते हुए व्यंग्यात्मक अंदाज में चले आए और डकेट ने फिर बीच-बचाव की कोशिश की. इस दौरान गिल और बल्लेबाज़ों के बीच उंगली उठाकर इशारे और तीखी नोकझोंक भी देखी गई.
अंततः खेल दिन के समापन पर इंग्लैंड ने 2/0 का स्कोर बना लिया, लेकिन जब खिलाड़ी मैदान से बाहर जा रहे थे, तब भी बहस और जुबानी जंग जारी रही. अब उम्मीद की जा रही है कि यह ड्रामा चौथे दिन भी जारी रहेगा, और मुकाबला और गर्माएगा. इससे पहले भारत ने इंग्लैंड के 387 रन के जवाब में 387 रन बनाकर ही अपनी पाारी समाप्त की. भारत की ओर से केएल राहुल ने 100 रन की पारी खेली, जबकि ऋषभ पंत ने 74 और रवींद्र जडेजा ने 72 रनों का योगदान दिया.
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