मैच के चौथे दिन भारत की दूसरी पारी में तीन विकेट गिरने के बाद पंत बैटिंग करने आए. उन्होंने कप्तान शुभमन गिल के साथ तेजी से रन बनाने की ठानी. पंत मैदान के चारों ओर अपने ही अंदाज में रन बटोर रहे थे. इंग्लैंड के ऊपर रनों का अंबार खड़ा हो रहा था, तो फील्डर्स के हथियार स्लेजिंग का दूसरा रूप उकसावा हैरी ब्रूक का अस्त्र बना. पंत को ब्रूक ने चुटकी लेते हुए याद दिलाया कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड 55 गेंदों का है, वे चाहते थे पंत और तेजी से बल्लेबाजी करें और गलत करें. इस पर पंत मुस्कुराते हुए बोले, “मैं रिकॉर्ड का लालची नहीं हूं. अगर बन गया तो ठीक है, नहीं बना तो भी कोई बात नहीं.” पंत के इस रिप्लाई पर कमेंट्री बॉक्स में भी हंसी ठहाके लगने लगे.
पंत तो पंत ही ठहरे बल्ला फेंक हुए आउट
पंत ने अपने शब्दों को सच साबित करते हुए बिलकुल अपने अंदाज में बेखौफ बल्लेबाजी की, लेकिन रिकॉर्ड के लिए जबरदस्ती खेलने से बचे. उन्होंने सिर्फ 58 गेंदों में 65 रन की तेज तर्रार पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 3 छक्के शामिल थे. सबसे अहम बात ये रही कि उन्होंने शुभमन गिल के साथ 100 रन की साझेदारी की, जो इस सीरीज में लगातार रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहे हैं. हालांकि पंत तो पंत ही ठहरे, शोएब बशीर को छक्का जड़ने के चक्कर में उन्होंने एक बार फिर बल्ला फेंक शॉट मारा और बाउंड्री पर लपके गए. हालांकि जाते-जाते वे अपना काम कर गए.
जीत के करीब भारतीय टीम
शुभमन गिल 161 रनों की बदौलत भारत ने दूसरी पारी में 427 रन पर अपनी पारी घोषित की. पहली पारी में मिले 180 रन की लीड ने इंग्लैंड के सामने 608 रनों का लक्ष्य तय किया. इसके जवाब में चौथे दिन ही इंग्लैंड ने 72 रन पर तीन विकेट गंवा दिए हैं. अब भारत को जीत लिए पांचवें दिन 7 विकेट की दरकार है और उसके पास पूरा दिन बाकी है.
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