क्या क्यूरेटरों को पिच तैयार करने के लिये पूरा समय मिल पाया?
भारतीय टीम एक से जरा ज्यादा सत्र ही खेल पायी और 109 रन पर सिमट गयी जबकि आस्ट्रेलिया टीम ने 156 रन तक चार विकेट गंवा दिये थे जिससे दिन में 14 विकेट गिरे. सभी टीमें घरेलू धरती पर अपनी पसंदीदा हालात चाहती हैं, लेकिन घरेलू मैदान का फायदा किस हद तक होना चाहिए? एक और टेस्ट तीन दिन के अंदर खत्म होने के लिये तैयार है. क्या यह खेल के लिये अच्छा है? दो हफ्ते पहले ही धर्मशाला से मैच स्थानांनतरित करने की घोषणा की गयी तो क्या क्यूरेटरों को पिच तैयार करने के लिये पूरा समय मिल पाया?
क्या बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) अंतिम मिनट में हुए बदलाव में बेहतर स्थल कर सकता था? इन सभी सवालों के जवाब दिये जाने की जरूरत है. सीरीज के सभी मैचों में अब तक दर्शकों की तादाद अच्छी रही है, लेकिन अगर स्टेडियम की पिचों के मानकों की समस्या का हल नहीं निकला तो क्या ये प्रशंसक मैच देखने पहुंचेंगे?
इससे टेस्ट क्रिकेट का मजाक ही बनता है: दिलीप वेंगसरकर
पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि भारत में तीन दिन के अंदर टेस्ट खेलने का चलन टेस्ट क्रिकेट की खिल्ली उड़ाता है. वेंगसरकर ने कहा, ‘अगर आप अच्छा क्रिकेट देखना चाहते हो तो पिच से ही सारा अंतर पैदा होता है. आपके पास असमान उछाल वाले विकेट होने चाहिए ताकि बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को बराबरी का मौका मिल सके. अगर पहले ही दिन और पहले ही सत्र से गेंद टर्न लेने लगेगी और वो भी असमान उछाल के साथ तो इससे टेस्ट क्रिकेट का मजाक ही बनता है.’
उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट के लिये दर्शकों को मैदान में बुलाना सबसे अहम है. आप इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में यह देख सकते हो लेकिन दुर्भाग्य से भारत में ऐसा नहीं हो रहा. लोग तभी टेस्ट क्रिकेट देखने आयेंगे, अगर यह दिलचस्प हो. कोई भी गेंदबाजों को पहले ही सत्र से बल्लेबाजों पर दबदबा बनाते हुए नहीं देखना चाहता.’
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पिच इतनी नीची और टर्न लेने वाली नहीं होनी चाहिए: मैथ्यू हेडन
ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने इंदौर की पिच की आलोचना करते हुए कहा, ‘किसी भी तरह से छठे ही ओवर से स्पिनरों को गेंदबाजी के लिये नहीं आना चाहिए. इसलिये ही मैं इस तरह की पिचों को पंसद नहीं करता. पहले दिन से पिच इतनी नीची और टर्न लेने वाली नहीं होनी चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि ऑस्ट्रेलिया यह टेस्ट जीते या फिर भारत. इस तरह की पिचें टेस्ट क्रिकेट के लिये अच्छी नहीं हैं.’