अंपायर के हत्थे चढ़े KKR के दो खिलाड़ियों के बैट, जानें- जांच में क्यों फेल हुए बल्ले?

IPL 2025 Sunil Narine Bat Failed Gauge Test: आईपीएल 2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स के सुनील नरेन और एनरिच नॉर्टजे का बल्ला बैट गॉज टेस्ट में फेल हो गया. पंजाब किंग्स के खिलाफ खेले गए मुकाबले में दोनों को नियमों के तहत नया बल्ला लेकर मैदान में उतरना पड़ा. अब अंपायर्स मैदान पर ही बैट की साइज की सख्त जांच कर रहे हैं. इससे पहले फिल सॉल्ट, हेटमायर और हार्दिक पांड्या के बैट की जांच हुई थी, हालांकि उनका बल्ला इन टेस्ट में पास हो गया था.

By Anant Narayan Shukla | April 16, 2025 4:12 PM
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IPL 2025 Sunil Narine Bat Failed Gauge Test: आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स के खिलाफ खेले गए मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) न सिर्फ 112 रन का आसान लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रही, बल्कि उनके दो बल्लेबाज सुनील नरेन और एनरिच नॉर्टजे का बल्ला बैट गॉज टेस्ट में भी फेल हो गया. नियमों के अनुसार, दोनों खिलाड़ियों को मैदान में उतरने से पहले अपना बल्ला बदलना पड़ा. इस बार आईपीएल में अंपायर्स बल्लेबाजों के बैट की जांच काफी बारीकी से कर रहे हैं. इससे पहले रविवार को खेले गए मैचों में फिल सॉल्ट, शिमरॉन हेटमायर और फिर हार्दिक पांड्या के बल्ले की जांच की गई थी. हालांकि उन सभी के बल्ले जांच में फिट पाए गए थे. 

मंगलवार को खेले गए मुकाबले में पहला मामला सुनील नरेन का था, जो रन चेज की शुरुआत से पहले ही अंपायरों के चेक में फंस गए. वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया कि रिजर्व अंपायर सैयद खालिद ने उनके बल्ले को गॉज फ्रेम से गुजारने की कोशिश की, लेकिन बल्ले की मोटाई तय मापदंडों से ज्यादा होने के कारण वह फ्रेम से नहीं निकल पाया. वहीं पास खड़े अंगकृष रघुवंशी का बल्ला सफलतापूर्वक टेस्ट पास कर गया. नरेन ने इसके बाद नया बल्ला लेकर बल्लेबाज़ी की, लेकिन वह सिर्फ 4 गेंदों में 5 रन बनाकर आउट हो गए. रघुवंशी ने 28 गेंदों में 37 रन की पारी खेली.

दूसरा मामला 15वें ओवर के बाद देखने को मिला जब एनरिच नॉर्टजे (Anrich Nortje bat failed gauge test) बल्लेबाजी करने आए. उनका बल्ला भी गॉज टेस्ट में फेल हो गया, जिससे रहमानुल्ला गुरबाज को नया बल्ला लाना पड़ा. हालांकि, नॉर्टजे के बल्लेबाजी से पहले ही, अगली गेंद पर आंद्रे रसेल आउट हो गए और पूरी टीम सिर्फ 95 रन पर सिमट गई.

अब आईपीएल में यह नया नियम लागू हुआ है, जिसके तहत बल्लेबाजों के बल्ले का परीक्षण मैदान पर किया जाता है. पहले ये टेस्ट ड्रेसिंग रूम में होते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया सार्वजनिक रूप से अंपायरों द्वारा की जा रही है. गॉज फ्रेम की मदद से अंपायर यह जांचते हैं कि बल्ला इन सभी मानकों पर खरा उतर रहा है या नहीं. इस जांच के बाद बल्लेबाजों को बैन नहीं किया जाता, हालांकि नियमों के उल्लंघन पर खिलाड़ी को तुरंत बल्ला बदलना पड़ता है.

क्या होता है बैट गॉज टेस्ट?

बैट गॉज टेस्ट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि बल्लेबाज द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा बल्ला तय मापदंडों के भीतर हो. नियमों के अनुसार-

  • बल्ले की चौड़ाई अधिकतम 10.79 सेमी हो सकती है.
  • ब्लेड की मोटाई अधिकतम 6.7 सेमी होनी चाहिए.
  • किनारे की मोटाई अधिकतम 4 सेमी जरूरी है. 
  • बल्ले की लंबाई अधिकतम 96.4 सेमी हो सकती है.

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