अजित नहीं होते तो दुनिया नहीं देख पाती सचिन का जलवा
सचिन जब अपने इंटरनेशल क्रिकेट का आखिरी मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ 200वां टेस्ट खेल रहे थे. उस मैच के बाद सचिन अपने बड़े भाई अजित तेंदुलकर के बारे में बताते हुए काफी भावुक हो गए थे. सचिन ने अजित के बारे में कहा था कि ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि अजित भाई मेरे क्रिकेट खेलने की वजह हैं. आज मैं जो कुछ भी हूं. जिस भी मुकाम पर हूं वह सब उनके वजह से हूं.
अजित थे सचिन के सबसे पहले कोच
बचपन से ही क्रिकेट के लिए दिवाने रहने वाले सचिन तेंदुलकर अपनी हर छोटी-बड़ी बात अपने भाई अजित से शेयर किया करते थे. अजित को भी क्रिकेट का काफी शौक था और वह भी क्रिकेटर बनना चाहते थे. पर घर के हालातों को समझते हुए उन्होंने टीचिंग प्रोफेशन को चुना और अपने छोटे भाई सचिन के क्रिकेटर बनने का सपना पूरा किया.
अजित तेंदुलकर से सचिन को बहुत प्यार था. अपने भाई के इसी सपने को देखते हुए सचिन ने क्रिकेट में कड़ी मेहनत की. वहीं अपने छोटे भाई के इस जुनून को देखते हुए अजित ने सचिन को क्रिकेट खेलना सिखाया. वहीं खुद अजित ने ही सचिन को कोच रमाकांत आचरेकर के पास ले गए. यहीं से सचिन के स्कूल और फिर कोच आचरेकर के पास ट्रेनिंग पर जाने का सिलसिला शुरू हो गया.