न्यूज18 की खबर के अनुसार टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट की रिपोर्ट ने बताया कि, यह निर्णय पीसीबी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की गुरुवार को हुई बैठक में लिया गया. बोर्ड को चिंता थी कि बार-बार होने वाले बहिष्कार से पाकिस्तान की साख को नुकसान पहुंच रहा है. बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाना जरूरी है.
एक सूत्र ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट को बताया, “गुरुवार को हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया. वरिष्ठ अधिकारियों का मानना था कि WCL के दूसरे संस्करण में भारतीय खिलाड़ियों का दो बार पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार करना देश के नाम के लिए नुकसानदेह है.”
अब से निजी संस्थानों को अपनी टीमों में पाकिस्तान नाम का इस्तेमाल करने के लिए पीसीबी से आधिकारिक अनुमति लेनी होगी. हालांकि, मौजूदा पाकिस्तान लीजेंड्स टीम को शनिवार को होने वाले WCL फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने की मंजूरी दी गई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका, केन्या और जिम्बाब्वे जैसे देशों में कई छोटे और कम-ज्ञात लीग्स ने पाकिस्तान के नाम का बिना अनुमति इस्तेमाल किया है, जिसके चलते PCB ने सख्त कदम उठाया है. पीसीबी के एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार, “अगर कोई निजी संगठन पाकिस्तान के नाम का इस्तेमाल करेगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. पीसीबी के पास ही यह अधिकार है कि वह किसी लीग या संगठन की साख और प्रामाणिकता देखकर उसके लिए नाम इस्तेमाल करने की अनुमति दे.”
इसके अलावा, बोर्ड को इंटर-प्रोविंशियल कोऑर्डिनेशन कमेटी (आईपीसी) और पाकिस्तान सरकार की ओर से एक परामर्श मिला है, जिसमें अनौपचारिक क्रिकेट आयोजनों में देश के नाम के इस्तेमाल की निगरानी के लिए एक नियामक ढांचा लागू करने की सिफारिश की गई है. PCB का यह कदम राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने और अनियमित प्लेटफॉर्म्स पर देश की पहचान के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में उठाया गया माना जा रहा है.
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