कोहली ने 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए एक दिवसीय मैच के जरिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. जगदाले ने इंदौर में ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘मुझे आज भी याद है कि कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट में अपनी शतकीय पारी की बदौलत दिलीप वेंगसरकर को बेहद प्रभावित किया था. वेंगसरकर तब राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की पांच सदस्यीय समिति के प्रमुख थे.’’
उन्होंने बताया,‘‘वेंगसरकर ने मुझसे कोहली की तारीफ करते हुए कहा था कि यह लड़का बढ़िया बल्लेबाज है. मैंने हालांकि तब कोहली का खेल नहीं देखा था, लेकिन वेंगसरकर के कहने पर हम सभी चयनकर्ताओं ने राष्ट्रीय टीम में कोहली के चयन पर सहमति जता दी थी.’’ जगदाले ने कहा कि कोहली में प्रतिभा के साथ ही आत्मविश्वास और आक्रामक रवैया शुरुआत से था.
उन्होंने आगे कहा, “जब हमने भारतीय टीम में कोहली को शामिल किया, तब कुछ लोगों ने हमारी यह कहकर आलोचना की थी कि हमने इतने युवा खिलाड़ी को श्रीलंका के दौरे पर कैसे भेज दिया. लेकिन इन लोगों को आज कोई याद नहीं करता.’’ जगदाले ने कोहली को सचिन तेंदुलकर के बाद क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में सबसे महान भारतीय बल्लेबाजों में से एक बताया. बीसीसीआई के पूर्व सचिव ने कहा, “टेस्ट क्रिकेट से संन्यास को लेकर कोहली के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन उनकी छोड़ी जगह इतनी आसानी से भर नहीं सकेगी.’’
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