रवींद्र जडेजा ने अपने पिता के आरोपों का किया खंडन, इंटरव्यू को बताया ‘स्क्रिप्टेड’ और ‘बकवास’
रवींद्र जडेजा के पिता अनिरूद्ध सिंह जडेजा ने उनपर और उनकी पत्नी पर आरोपों की झड़ी लगा दी है. उन्होंने एक गुजराती दैनिक को दिए गए इंटरव्यू में ये बातें कहीं. इस इंटरव्यू पर अब रवींद्र जडेजा का बयान सामने आया है. उन्होंने इसे बेबुनियाद और स्क्रिप्टेड बताया और इसे नजरअंदाज करने की अपील की.
By AmleshNandan Sinha | February 9, 2024 3:21 PM
टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने अपने पिता अनिरुद्धसिंह जडेजा के उन आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है, जिसमें उनकी पत्नी रिवाबा जडेजा पर परिवार तोड़ने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने दिव्य भास्कर में छपी उस इंटरव्यू को स्क्रिप्टेड और बकवास करार दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर अपने फैंस से उन अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. उनके पिता ने अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि उनके अपने बेटे और बहू के साथ रिश्ते काफी तनावपूर्ण हैं और वे उनके फोन पर बात भी नहीं करते हैं. वे अपने बेटे और बहू से अलग रहते हैं. ये सब उनकी बहू के कारण हुआ है.
पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा के इस आरोपों पर रवींद्र जडेजा ने सफाई दी है और लोगों से अपील की है कि इस प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें. जडेजा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि दिव्य भास्कर के बेतुके इंटरव्यू में कही गई सभी बातें अर्थहीन और झूठी हैं. एक तरफा कुछ कहना गलत है, जिसे मैं नकारता हूं. मेरी पत्नी की छवि धूमिल करने का जो प्रयास किया जा रहा है वह वास्तव में निंदनीय एवं अशोभनीय है. मेरे पास भी कहने के लिए बहुत कुछ है जिसे अगर मैं सार्वजनिक रूप से न कहूं तो बेहतर है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘आइए स्क्रिप्टेड इंटरव्यू में कही गई बातों को नजरअंदाज करें.’
गुजराती दैनिक दिव्य भास्कर में छपे एक इंटरव्यू में जडेजा के पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा ने बताया कि भारतीय स्टार की शादी के बाद चीजें कैसे बदल गईं. उन्होंने कहा कि वह वर्तमान में जामनगर में अकेले रहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर मैं सच बताऊं तो मेरा रवींद्र और उसकी पत्नी रिवाबा के साथ कोई संबंध नहीं हैं. हम उन्हें और वे हमें फोन भी नहीं करते हैं. ये समस्याएं उनकी शादी के कुछ ही महीनों बाद शुरू हो गईं.
जामनगर में अकेले रहते हैं रवींद्र जडेजा के पिता
जडेजा के पिता आगे कहते हैं कि मैं फिलहाल जामनगर में अकेला रहता हूं. रवींद्र अपने अलग बंगले में रहते हैं. वह उसी शहर में रहता है, लेकिन मैं उससे नहीं मिल पाता. मुझे नहीं पता कि उनकी पत्नी ने उन पर क्या जादू किया है. वह मेरा बेटा है यह सोचकर मेरा दिल दुखता है. काश मैंने उसकी शादी नहीं की होती. अच्छा होता वह क्रिकेटर नहीं बनता. उस स्थिति में हमें यह सब नहीं करना पड़ता.
रवींद्र के ससुराल वाले हर चीज में करते हैं हस्तक्षेप
उनके पिता ने आगे कहा कि शादी के तीन महीने के अंदर उसने मुझसे कहा कि सब कुछ उसके नाम हो जाना चाहिए. इसी से हमारे परिवार में दरार पैदा हो गई. उसकी पत्नी परिवार के साथ रहना नहीं चाहती थी. वह स्वतंत्र जीना चाहती थी. मैं गलत हो सकता हूं. लेकिन क्या रवींद्र की बहन नयनाबा और पूरा परिवार गलत है. मैंने पांच साल में अपनी पोती का चेहरा भी नहीं देखा है. रवींद्र के ससुराल वाले सब कुछ संभालते हैं. वे हर चीज में हस्तक्षेप करते हैं.