Sachin Tendulkar: बीसीसीआई ने शनिवार 1 फरवरी की रात को बीते 2023-24 में भारतीय क्रिकेटरों के शानदार प्रदर्शन को ‘नमन’ किया. अपने वार्षिक पुरस्कार में बीसीसीआई ने सचिन तेंदुलकर को प्रतिष्ठित कर्नल सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया. इस दौरान सचिन ने करियर के दौरान शतकों के जश्न के बारे में बताया. सचिन जब भी शतक लगाते थे, तो वे आसमान में देखते थे. उन्होंने खुलासा किया कि वे आसमान में क्यों देखते थे.
जिसमें वह हर बार जब भी तीनों प्रारूपों में तिहरे अंक तक पहुंचते थे, तो अपने पिता को समर्पित करने के लिए आसमान की ओर देखते थे. अपने 10 मिनट के स्वीकृति भाषण में सचिन ने कई ऐसे विषयों पर बात की, जिससे समारोह में सन्नाटा छा गया. उन्होंने कई विषयों पर बात की, उनमें से एक 1999 विश्व कप के दौरान अपने पिता को खोना था. 51 वर्षीय सचिन ने बताया कि उन्हें विश्व कप के दौरान अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए इंग्लैंड से भारत लौटना पड़ा था, उसके बाद वे फिर से टूर्नामेंट के लिए रवाना हुए और अपनी टीम में शामिल हुए. सचिन ने कहा कि उनके पिता के निधन की खबर ने उनकी जिंदगी बदल दी, जिसके कारण उन्होंने शतक का जश्न मनाया.
🚨 𝗖𝗼𝗹. 𝗖.𝗞. 𝗡𝗮𝘆𝘂𝗱𝘂 𝗟𝗶𝗳𝗲𝘁𝗶𝗺𝗲 𝗔𝗰𝗵𝗶𝗲𝘃𝗲𝗺𝗲𝗻𝘁 𝗔𝘄𝗮𝗿𝗱 🚨
— BCCI (@BCCI) February 1, 2025
He has given innumerable moments for cricket fans to celebrate and today we celebrate the Master 🫡🫡
The legendary Mr. Sachin Tendulkar receives the prestigious award 🏆
Many congratulations… pic.twitter.com/C3lE7Cfdsd
सचिन तेंदुलकर ने कहा, “इसकी शुरुआत 1999 में हुई. विश्व कप के दौरान, मैंने अपने पिता को खो दिया. मैं उनके अंतिम संस्कार के लिए कुछ दिनों के लिए भारत वापस आया और अचानक रातों-रात मेरी जिंदगी बदल गई. मैं टीम में शामिल होने के लिए विश्व कप खेलने वापस गया. उसके बाद मेरी जिंदगी बदल गई. मैं चाहता था कि मेरे पिता मेरे आस-पास रहें और वे मेरे जीवन में होने वाली कई चीजों को देखें. उस पल से मैंने अपने पिता को अपना बल्ला दिखाना शुरू कर दिया. इसलिए मेरे जीवन में जो भी अच्छा होता, मैं उसे सबसे पहले अपने पिता को दिखाता और सबके साथ जश्न मनाता था.”
सचिन ने यह भी बताया कि उनके पिता द्वारा उन्हें सिखाए गए मूल्य कितने महत्वपूर्ण थे, यही वजह है कि उन्होंने शराब और तंबाकू कंपनियों का प्रचार न करने का फैसला किया, जो 90 के दशक में विज्ञापन के लिए बल्ले के स्टिकर का इस्तेमाल करती थीं. इस फैसले के बाद उन्हें दो साल के लिए बल्ले का अनुबंध मिला.
Sachin Tendulkar said, "in the mid 90s, I took a stand and played for two years without a bat contract due to alcohol and tobacco promotions. My family, especially my parents, guided me to make such decisions. Values were always at the core of my journey". pic.twitter.com/G0ZN54kW88
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) February 1, 2025
सचिन तेंदुलकर ने कहा, “90 के दशक के मध्य में, मैंने बल्ले के अनुबंध के बिना 2 साल तक खेला, क्योंकि उस समय शराब और तंबाकू कंपनियां बहुत ज़्यादा प्रचार कर रही थीं, विज्ञापन के लिए बल्ले का इस्तेमाल कर रही थीं. लेकिन घर पर हम सभी ने यह फैसला किया था कि मैं तंबाकू या शराब का प्रचार नहीं करूंगा. इसलिए 90 के दशक के मध्य में यह एक बड़ा फैसला था जिसे हमने एक परिवार के तौर पर लिया और दो साल तक मैंने बिना अनुबंध के खेला. जब मूल्यों की बात आती है, तो मुझे लगता है कि परिवार ही मेरी रीढ़ और मेरे करियर की ताकत था.”
बीसीसीआई का क्रिकेटरों को ‘नमन’, जानिए आखिर इन पुरस्कारों का नाम ‘नमन’ ही क्यों पड़ा?
‘यह मैच हमारे लिए बस एक…’ दुबई में होने वाले भारत-पाकिस्तान हाई वोल्टेज भिड़ंत पर बोले रोहित
अक्षर पटेल की गलती और गेंद बाउंड्री के पार, लेकिन अंपायर ने सिक्सर से किया इनकार, आड़े आया ये बड़ा नियम
BCCI सिराज पर ध्यान दे वरना… आरपी सिंह ने इंग्लैंड सीरीज के बाद दे दी चेतावनी
जसप्रीत बुमराह के ऊपर BCCI की नजर टेढ़ी! गंभीर के इस पसंदीदा नियम से बढ़ेगी मुश्किल
‘रोहित शर्मा कब तक रहेंगे? शुभमन गिल तैयार हैं’, वनडे कप्तानी को लेकर मोहम्मद कैफ का दावा