Shubman Gill should work on 7 Points to win Manchester Test: भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. चौथा मुकाबला 23 जुलाई से ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में खेला जाएगा, जहां टीम इंडिया के पास सीरीज में वापसी का आखिरी बड़ा मौका होगा. अगर IND vs ENG 4th Test मैच हाथ से फिसलता है, तो भारत की ट्रॉफी जीतने की उम्मीदें भी टूट जाएंगी. अब तक की सीरीज में भारतीय टीम ने कई मौकों पर दमदार खेल दिखाया है, लेकिन कुछ अहम गलतियों ने उन्हें पीछे धकेल दिया. दो मैच गंवाने के पीछे कुछ सामान्य लेकिन गंभीर चूकें रहीं, जिन्हें अगर मैनचेस्टर में दोहराया गया तो इंग्लैंड की टीम फिर भारी पड़ सकती है.
ऐसे में शुभमन गिल की कप्तानी में भारत को बेहद सतर्क रहना होगा और उन गलतियों से सबक लेना होगा, जो अब तक टीम के लिए नुकसानदेह साबित हुई हैं. भारत ने ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में अब तक 9 टेस्ट खेले हैं, जिनमें 4 में हार और 5 ड्रॉ रहे हैं. गिल की कप्तानी में टीम इंडिया के पास इतिहास बदलने और सीरीज 2-2 से बराबर करने का सुनहरा मौका है. अगर भारत मैनचेस्टर में जीत दर्ज करता है, तो निर्णायक मुकाबला 31 जुलाई को ओवल में और भी रोमांचक हो जाएगा. ऐसे में हम 7 ऐसी बड़ी गलतियों पर नजर डालेंगे, जिन्हें भारत को मैनचेस्टर टेस्ट में हर हाल में टालना होगा.
1. कप्तान शुभमन गिल को रणनीति में स्पष्टता और साहस दिखाना होगा
शुभमन गिल ने इस सीरीज में बतौर कप्तान अब तक 3 टेस्ट खेले हैं, लेकिन कई बार उनके फैसलों पर सवाल उठे हैं. खासकर गेंदबाजी रोटेशन और फील्डिंग सेटिंग को लेकर. जैसे तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में गिल ने सिराज को देर से आक्रमण पर लगाया, जबकि वह उस वक्त सबसे ज्यादा कंडीशन को भुना सकते थे. गिल को अटैकिंग कप्तानी के साथ सही समय पर बॉलिंग चेंज और फील्ड प्लेसमेंट में सक्रियता दिखानी होगी.
2. नंबर 3 स्लॉट की समस्या का जल्द समाधान जरूरी
भारत के लिए नंबर 3 पर करुण नायर ने तीन टेस्ट में कुल 131 रन (औसत 21.83) बनाए हैं. यह किसी भी टीम के लिए कमजोर कड़ी है. मैनचेस्टर जैसी पिच पर नंबर 3 बल्लेबाज की भूमिका अहम होती है, क्योंकि यह पोजीशन शुरुआती झटकों के बाद स्थिरता देने का काम करती है. ऐसे में साई सुदर्शन जैसे बल्लेबाज, जिन्होंने इंडिया-A और रणजी में निरंतर रन बनाए हैं, उन्हें दोबारा आजमाने का समय आ गया है.
3. बल्लेबाजों को सामूहिक जिम्मेदारी लेनी होगी
अब तक खेले गए 3 टेस्ट में भारत की बल्लेबाजी कुछ नामों तक सीमित रही है. यशस्वी जायसवाल शुरू के दो मैचों में अच्छा खेल दिखाया, लेकिन तीसरे टेस्ट में दोनों पारियों में सस्ते में आउट. करुण नायर जैसा ऊपर बताया गया लगातार फेल. नितीश रेड्डी भी अब तक चार पारियो में सिर्फ 45 रन ही बना पाए हैं.
तीसरे मैच में कप्तान शुभमन गिल भी नहीं चल सके. भारत को यह समझना होगा कि टेस्ट जीतने के लिए केवल 2-3 बल्लेबाजों से काम नहीं चलेगा. सभी को जिम्मेदारी निभानी होगी.
4. सभी गेंदबाजों को देना होगा बराबर योगदान
अब तक भारत के तेज गेंदबाजों ने प्रभावी गेंदबाजी की है, लेकिन वह एकसाथ दबाव नहीं बना पाए. हालांकि, कई बार ऐसा देखा गया कि जब एक गेंदबाज अटैक कर रहा होता है, तो दूसरे छोर से रन लीक होते हैं. इसके अलावा तीन मैचों में स्पिन डिपार्टमेंट विकेट नहीं ले सका है, जो चिंता की बात है.
5. कैच छोड़ने की गलती अब नहीं चलेगी
भारत ने अब तक इस सीरीज में 12 से ज्यादा कैच छोड़े हैं. इनमें से कई टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को जीवनदान मिले. दूसरे टेस्ट में ओली पोप का कैच छोड़ा गया और उन्होंने बड़ी पारी खेली. यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत से फील्डिंग में गलतियां हुई हैं. मैनचेस्टर जैसे हाई-स्कोरिंग मैदान पर एक जीवनदान पूरी टेस्ट की दिशा बदल सकता है. भारत को हर मौके को कैच में तब्दील करना होगा.
6. DRS, बॉलिंग चेंज और आक्रामकता में समझदारी दिखानी होगी
भारत ने पहले दो टेस्ट में DRS गलत लिए, जिससे उन्हें न सिर्फ विकेट नहीं मिले, बल्कि रिव्यू भी जल्दी खत्म हो गए. वहीं गेंदबाजों के बदलाव में भी गिल की कप्तानी पर सवाल उठे. DRS और बॉलिंग रोटेशन में डेटा और सिचुएशन आधारित फैसला लेना होगा. गिल बॉलिंग चेंज करने में भी देरी कर रहे हैं, जिससे विकेट मिलने में देरी होती है और बल्लेबाजों को सेट होने का मौका मिल जाता है.
इसके साथ ही भारत को आक्रामकता में भी अलग तरह का एप्रोच लेकर चलना होगा. लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय कप्तान ने अगुवाई करते हुए स्लेजिंग करने का प्रयास किया, लेकिन इंग्लैंड ने भी फिर उसी तरह का जवाब दिया. इसलिए बेवजह मौके बनाने के बजाय जरूरी जगह पर ही इसका प्रयोग करे.
7. मानसिक दबाव में रणनीति से भटकना नहीं चाहिए
भारत ने पहले टेस्ट में बढ़त बनाई थी लेकिन अंतिम दो दिनों में पकड़ ढीली पड़ गई. तीसरे टेस्ट में भी पहली पारी में बढ़त के बावजूद ऐन मौके पर पंत के रन आउट ने मोमेंटम बदल दिया. इसका मुख्य कारण मानसिक तौर पर दबाव में आकर गलत फैसले लेना रहा है. बल्लेबाज़ों का जल्दबाजी में शॉट खेलना या रन बनाने की हड़बड़ी से बचना होगा. मैनचेस्टर टेस्ट में भारत को सेशन दर सेशन खेलना होगा और भावनाओं की बजाय रणनीति के हिसाब से फैसले लेने होंगे.
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