पिछले महीने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के राउंड 6 में भी गुकेश ने कार्लसन को हराकर सबको चौंका दिया था, जिसके बाद उन्होंने चेस बोर्ड पर ही अपना हाथ पटक दिया था. गुकेश ने अपनी शानदार फॉर्म को इस टूर्नामेंट में भी बरकरार रखा है. चौथे राउंड में डी गुकेश की टक्कर उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव से हुई, जिसके बाद उन्होंने पांचवें राउंड में अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना को हराकर मैग्नस कार्लसन के खिलाफ मुकाबले का रास्ता साफ किया. इस मैच से पहले कार्लसन ने गुकेश के ऊपर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की थी और कहा था कि वे ऐसे खेलेंगे कि जैसे उनका सामना किसी कमजोर खिलाड़ी से हो रहा है. लेकिन गुकेश ने एक बार फिर कार्लसन को शिकस्त दी है. (D Gukesh defeated Magnus Carlsen)
कैसा रहा मैच का हाल
इस मुकाबले में कार्लसन ने सफेद मोहरों से खेल की शुरुआत की, जबकि गुकेश काले मोहरों से नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश में लगे रहे. शुरुआती खेल में नॉर्वेजियन खिलाड़ी कार्लसन का दबदबा नजर आया और उन्होंने भारतीय किशोर ग्रैंडमास्टर के खिलाफ आक्रामक चालों से बढ़त बनाने की कोशिश की. खेल पूरी तरह से उस समय बदल गया जब कार्लसन ने अपनी ‘b’ प्यादा को b4 पर ले जाकर भारी चूक कर दी. इसके बाद गुकेश ने स्थिति पर पूरी पकड़ बना ली और कार्लसन को रक्षात्मक मुद्रा में धकेल दिया. जैसे-जैसे समय कम होता गया, कार्लसन के पास घड़ी में 30 सेकंड से भी कम समय बचा था. उन्होंने अपनी हार स्वीकार करते हुए बिना किसी खास भाव के गुकेश से हाथ मिलाया और नज़र मिलाए बिना ही खेल छोड़ दिया.
मैच के बाद प्रतिक्रियाएं
पूर्व विश्व चैंपियन गैरी कास्पारोव, जो आधिकारिक कमेंट्री का हिस्सा थे, ने कहा, “अब हम मैग्नस की बादशाहत पर सवाल उठा सकते हैं क्योंकि यह सिर्फ गुकेश के खिलाफ उनकी दूसरी हार नहीं है, बल्कि यह एक निर्णायक हार है.” कास्पारोव कार्लसन की b4 चाल से बिल्कुल प्रभावित नहीं दिखे. वहीं मैच के बाद गुकेश ने कहा, “मैग्नस को हराना हमेशा खास होता है और यह जीत थोड़ा और आत्मविश्वास देती है. मैंने शुरुआती कुछ चालों में गड़बड़ी कर दी थी, लेकिन फिर वापसी करके जीतना अच्छा लगा.” वहीं डी गुकेश से हार के बाद मैग्नस कार्लसन ने कहा, “मैंने पूरे टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन किया जिसका नतीजा इस मुकाबले में भुगतना पड़ा. मेरे पास समय की कमी थी और मैं इसे संभालने में कामयाब नहीं हो सका. इस जीत का पूरा क्रेडिट गुकेश को जाता है, उसने काफी अच्छा खेला और मौकों को अच्छे से भुनाया.”
इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने तोड़ा पाकिस्तान का रिकॉर्ड, लेकिन इस मामले में हो गई बड़ी टेंशन
एशिया कप और जूनियर हॉकी विश्व कप के लिए पाकिस्तान अधर में, सरकार से नहीं मिली है मंजूरी
इंग्लैंड में इंडियन बैट्समैन, डबल सेंचुरी और गजब संयोग, गिल ने पूरा किया द्रविड़ और गावस्कर का चक्र