भारतीय फुटबॉल में नई शुरुआत की उम्मीद
खालिद जमील, जो एएफसी प्रो लाइसेंस डिप्लोमा धारक हैं, अब स्पेन के मनोलो मार्केज़ की जगह लेंगे. मार्केज़ ने हाल ही में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ा था. जमील की सबसे बड़ी पहचान तब बनी जब उन्होंने संसाधनों की कमी से जूझ रही आइज़ोल एफसी को 2016-17 आई-लीग का चैंपियन बनाया. इस दौरान टीम ने मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और बेंगलुरु एफसी जैसी दिग्गज टीमों को शिकस्त दी.
जमील को इंडियन सुपर लीग (ISL) में भी कोचिंग का अनुभव है. उनके नेतृत्व में नॉर्थईस्ट यूनाइटेड (2020-21) और जमशेदपुर एफसी (2024-25) ने प्ले-ऑफ में जगह बनाई थी. अब उनके सामने भारतीय फुटबॉल के प्रदर्शन में सुधार लाने की चुनौती होगी, क्योंकि टीम हाल ही में हांगकांग जैसी निम्न रैंकिंग वाली टीम से 0-1 से हार गई थी. इससे भारत के 2027 एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालिफाई करने की उम्मीदें भी कमजोर पड़ी हैं.
जमील के नेतृत्व में भारतीय टीम का पहला बड़ा टूर्नामेंट सेंट्रल एशियन फुटबॉल एसोसिएशन (CAFA) नेशंस कप होगा, जो 29 अगस्त से ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में खेला जाएगा. इसके बाद भारत अक्टूबर में सिंगापुर के खिलाफ क्वालीफायर मुकाबले खेलेगा. यह देखना रोचक होगा कि क्या खालिद जमील भारतीय फुटबॉल को एक नई ऊंचाई तक ले जा सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की प्रतिष्ठा को मजबूत बना सकते हैं.
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