शेष योजनाओं की मांगी गयी सूची, बेहतर होंगी व्यवस्थाएं
विभाग की तरफ से अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति और शेष योजनाओं की अधतन स्थिति से संबंधित सूची सहित प्रतिवेदन विभाग को अविलंब उपलब्ध कराएं. इस कदम से बिहार के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, स्वच्छता, और जीवन स्तर में सुधार होने की उम्मीद है. यह राशि सड़क निर्माण, जल निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, और अन्य नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने में उपयोग की जायेगी, जिससे राज्य के शहरों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा.
5.52 करोड़ रुपये के नाले को मिली हरी झंडी, अगले साल से मिलेगी राहत
चक्कर मैदान प्रभात तारा स्कूल और सर्किट हाउस रोड के आस-पास रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. मॉनसून के दिनों में जलजमाव की गंभीर समस्या से जूझ रहे इन इलाकों को अब जल्द ही राहत मिलने वाली है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने बहुप्रतीक्षित नाले के निर्माण के लिए 5.52 करोड़ रुपये की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है. हालांकि, इस साल प्रशासनिक स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया के इंतजार में काम अटका हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि अगले साल से इस नाले के बनने से इन क्षेत्रों में जल निकासी की समस्या से स्थायी निजात मिल सकेगी. मुख्य अभियंता (उत्तर बिहार प्रभाग) नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से 5.52 करोड़ रुपये की यह तकनीकी अनुमोदन मिला है. नगर निगम के अभियंताओं द्वारा तैयार किये गये प्राक्कलन के अनुसार यह नाला प्रभात तारा स्कूल और रेलवे के कच्चे नाले तक आरसीसी से निर्मित होगा.
कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का है आवास
चक्कर मैदान सैन्य क्षेत्र, जिला अतिथि भवन, पुलिस उप महानिरीक्षक का आवास, प्रभात तारा स्कूल और कई महत्वपूर्ण संस्थान वार्ड संख्या 9 और 10 में स्थित हैं, जो बारिश के मौसम में भीषण जलजमाव का सामना करते हैं. उचित जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण यहां के निवासियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. इस समस्या के समाधान के लिए नगर आयुक्त विक्रम विवर ने खुद इस मामले में गहरी रुचि ली और राज्य सरकार से स्वीकृति तथा राशि की मांग की थी. उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव को पत्र लिखकर इस महत्वपूर्ण परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने का आग्रह किया था.
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प्रशासनिक स्वीकृति के बाद होना है राशि का आवंटन
अब जब तकनीकी स्वीकृति मिल गयी है, तो अगला कदम प्रशासनिक स्वीकृति और राशि का आवंटन होगा. इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी की जायेगी. उम्मीद है कि अगले साल तक इस नाले का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा और स्थानीय निवासियों को जलजमाव की समस्या से स्थायी मुक्ति मिल जायेगी. फिलहाल, इस मॉनसून में लोगों को जलजमाव की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन भविष्य में बेहतर जल निकासी की उम्मीद जग गई है.