बिहार: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का गया में हुआ पिंडदान, विष्णुपद मंदिर में बेटे ने की मोक्ष की कामना

Bihar News: बिहार के गया में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का पिंडदान किया गया. यहां विष्णुपद मंदिर में उनके बेटे ने मोक्ष की कामना की है. इस दौरान पूर्व वित्त मंत्री की पत्नी भी मौजूद रही.

By Sakshi Shiva | December 12, 2023 3:00 PM
an image

Bihar News: बिहार के गया जिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का पिंडदान किया गया. भारत के पूर्व वित्त मंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. अरुण जेटली का गया में मंगलवार को पिंडदान किया गया. उनका पिंडदान उनके बेटे रोहन जेटली द्वारा विष्णुपद मंदिर स्थित देवघाट के समीप हनुमान मंदिर के प्रांगण में किया गया. रोहन जेटली के साथ उनकी मां संगीता जेटली भी मौके मौजूद थी. पूरे धार्मिक विधि विधान से रोहन जेटली के द्वारा अपने पिता स्व. अरुण जेटली का पिंडदान व श्रद्धा कर्मकांड किया गया. इस मौके पर बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा सहित कई नेता गण मौजूद थे.

पितरों को मोक्ष की प्राप्ति की मान्यता

वहीं, इस मौके पर मौजूद स्थानीय पंडा अमरनाथ मेहरवार ने बताया कि भारत सरकार के पूर्व वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली का पिंडदान उनके बेटे रोहन जेटली के द्वारा किया गया है. मुख्य रूप से फल्गु घाट, हनुमान मंदिर, विष्णुपद मंदिर प्रांगण, प्रेतशिला व अक्षयवट पिंडवेदी पर उनका पिंडदान कराया गया है. ऐसी मान्यता है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि देश-दुनिया से लोग यहां आकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं. उक्त लोगों के द्वारा भी अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति को लेकर पिंडदान कर्मकांड किया गया है.

Also Read: पटना में सीएम नीतीश कुमार ने फैक्ट्री का किया उद्घाटन, केसरिया में पर्यटन सुविधाओं की दी सौगात
‘पिंडदान के लिए गया सर्वोपरी’

बता दें कि गया को पिंडदान के लिए सर्वोपरी माना जाता है. कई लोग यहां पूर्वजों के मोक्ष की कामना के साथ आते हैं. इसी कड़ी में अरूण जेटली के बेटे ने भी उनका पिंडदान किया है. मान्यता के अनुसार फल्गू नदी के किनारे भगवान राम और माता सीता ने राजा दशरथ का पिंडदान किया था. यहां उनका श्राद्ध करम भी किया गया था. इसलिए इस जगह की खास मान्यता है. मान्यता के अनुसार महाभारत काल के दौरान पांडवों ने भी पिंडदान किया था. देश के साथ ही विदेश से भी यहां कई लोग पहुंचते हैं.

(गया से संजीव कुमार सिन्हा की रिपोर्ट.)

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version