पितरों को मोक्ष की प्राप्ति की मान्यता
वहीं, इस मौके पर मौजूद स्थानीय पंडा अमरनाथ मेहरवार ने बताया कि भारत सरकार के पूर्व वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली का पिंडदान उनके बेटे रोहन जेटली के द्वारा किया गया है. मुख्य रूप से फल्गु घाट, हनुमान मंदिर, विष्णुपद मंदिर प्रांगण, प्रेतशिला व अक्षयवट पिंडवेदी पर उनका पिंडदान कराया गया है. ऐसी मान्यता है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि देश-दुनिया से लोग यहां आकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं. उक्त लोगों के द्वारा भी अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति को लेकर पिंडदान कर्मकांड किया गया है.
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‘पिंडदान के लिए गया सर्वोपरी’
बता दें कि गया को पिंडदान के लिए सर्वोपरी माना जाता है. कई लोग यहां पूर्वजों के मोक्ष की कामना के साथ आते हैं. इसी कड़ी में अरूण जेटली के बेटे ने भी उनका पिंडदान किया है. मान्यता के अनुसार फल्गू नदी के किनारे भगवान राम और माता सीता ने राजा दशरथ का पिंडदान किया था. यहां उनका श्राद्ध करम भी किया गया था. इसलिए इस जगह की खास मान्यता है. मान्यता के अनुसार महाभारत काल के दौरान पांडवों ने भी पिंडदान किया था. देश के साथ ही विदेश से भी यहां कई लोग पहुंचते हैं.
(गया से संजीव कुमार सिन्हा की रिपोर्ट.)