Azadi Ka Amrit Mahotsav : मिथिलांचल में महात्मा गांधी ने देखा था आंदोलन का तेज

महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह ब्रिटिश भारत में पहला सत्याग्रह आंदोलन था और इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण विद्रोह माना जाता है.गांधी ने 1917 के चंपारण आंदोलन के बाद करीब आध दर्जन बार मिथिलांचल की यात्रा की.

By Contributor | July 31, 2022 9:11 AM
an image

आजादी का अमृत महोत्सव : महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में 1927 में दरभंगा की चर्चा करते हुए लिखा है कि यह एक पवित्र भूमि है, जो तीर्थ जैसा लगता है. उन्हाेने यहां की खादी उद्योग की चर्चा की. पंडौल, सकरी, मधुबनी और कपसिया में इस विधा जादूगरी का दृश्य दिखने की उन्होंने चर्चा की. बेल्हवार गांव के ब्राह्मण टोले की लड़की, महिलाएं और बूढ़ी महिलाओं द्वारा सूत काटने की कला की प्रशंसा की.

गांधी मिथिलांचल की यात्रा

गांधी ने 1917 के चंपारण आंदोलन के बाद करीब आध दर्जन बार मिथिलांचल की यात्रा की. गांधी के चंपारण सत्याग्रह में जिन लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, उनमें दरभंगा के प्रसिद्ध वकील ब्रजकिशोर प्रसाद और धरणीधर प्रसाद प्रमुख थे. हालांकि, मिथिलांचल के लोग चंपारण को भी अपना ही अंग मानते हैं. खुद गांधी ने भी चंपारण को राजा जनक की ही भूमि माना है. शोध पत्रिका मिथिला भारती ने लिखा है, महात्मा गांधी ने 4 जून, 1917 को रांची से एक पत्र दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह को लिखा था, जिसमें तिनकठिया प्रथा, किसानों की दशा, सरकार की क्रिया-कलाप आदि की विस्तार से चर्चा की थी. नौ दिसंबर, 1929 को गांधी बेतिया से दरभंगा के लिए कार से प्रस्थान किये.

दरभंगा के बेता मैदान मे गांधी जी की जनसभा हुई

उन्होंने रात्रि विश्राम ब्रजकिशोर प्रसाद के यहां किया. अगले दिन सात बजे सुबह ब्रजकिशोर बाबू के आवास पर करीब एक हजार लोग गांधी के दर्शन को पहुंचे. दरभंगा के बेता मैदान मे गांधी जी की जनसभा हुई. इस सभा में कस्तूरबा गांधी, मौलाना शौकत अली, हसन आरजू के अलावा दस हजार लोग उपस्थित हुए. दरभंगा से गांधी जी समस्तीपर आये. यहां भी लोगों को संबोधित किया. दरभंगा से गांधी समस्तीपुर गये. समस्तीपुर से मुंगेर जाने के क्रम में बरौनी स्टेशन के प्लेटफार्म पर माैजूद भीड़ को उन्हाेने संबोधित किया.

गांधी तीसरी बार मिथिलांचल में

गांधी तीसरी बार मिथिलांचल के पूर्णिया में नौ अक्टूबर, 1925 को आये. सकरी गली घाट से मनिहारी घाट पार कर गांधी अहले सुबह मनिहारी पहुंचे. यहां देशबंधु मेमोरियल फंड के लिए एक बटुआ लोगों ने दान किया. यहां से वे कटिहार पहुंचे जहां महिलाओं की एक सभा को भी उन्होंने संबोधित किया.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version