हर रोज नदी में कटाव हो रहे घर
मिली जानकारी के अनुसार हर रोज घर नदी में कटाव हो रहे हैं. अब लोग अपने गांव छोड़कर कहीं दूर बसने को मजबूर हैं. गंगा नदी के कटाव को देखने से ऐसा महसूस होता है की आने वाले कुछ दिनों में जवईनिया गांव केवल एक इतिहास बनकर ही रह जाएगा. यहां गंगा नदी उत्तर दिशा से गांव को काट रही है जो अब गांव के दक्षिण दिशा के अंतिम छोर तक पहुंच गई है. बता दें कि गंगा नदी जहां तक पहुंची है वहां केवल गांव का मध्य विद्यालय ही बचा हुआ है, बाकि पूरा गांव खाली है.
प्रशासन का राहत कार्य जारी
हालांकि प्रशासन की तरफ से राहत कार्य चलाया जा रहा है. वर्तमान में गांव के सैकड़ों लोग तटबंधों पर बनाए गए टेंटों में रहने को मजबूर हैं. इन राहत शिविरों में भोजन, पीने का पानी और प्लास्टिक सीटों की व्यवस्था की गई है. गांव में मातम की स्थिति है, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बेसहारा हालत में हैं.
नदी में समा गए ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल
प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगा के लगातार हो रहे कटाव के कारण गांव के कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी नदी में समा गए हैं. बता दें कि घुरूहु ब्रह्म बाबा का मंदिर, वृक्षदंड ब्रह्म बाबा का मंदिर, गोवर्धन मंदिर और मां काली मंदिर अब सिर्फ यादों में शेष हैं. सिर्फ यही नहीं नल-जल योजना की पानी टंकी और विशाल वृक्ष भी कटाव की भेंट चढ़ चुके हैं. जानकारी मिली है कि गंगा का जलस्तर अब खतरे के लाल निशान से थोड़ा नीचे आया है. हालांकि कटाव थमा नहीं है. प्रशासन की तरफ से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है.
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स्थायी समाधान की मांग
जानकारी के अनुसार जवईनिया गांव के लोग सरकार से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि हर साल इस तरह की तबाही उनके जीवन को तबाह कर रही है. समय रहते अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है.
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