Bihar: 15,450 करोड़ की लागत से बनेगा बिहार का पहला ग्रीनफील्ड हाईस्पीड कॉरिडोर, 5 जिलों को जोड़ेगा 225 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे

Bihar: नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के तय रूट पर पड़ने वाली जमीन को खरीदने के लिए 3950 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. भूमि मालिकों, किसानों और कास्तकारों की जमीन का सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा भुगतान किया जाएगा, जिससे जमीन मालिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

By Prashant Tiwari | May 2, 2025 3:09 PM
feature

Bihar: केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में  तेजी से काम हो रहा है. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट भारतमाला के तहत इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र को भेज दिया था. सूत्रों के मुताबिक  अब सरकार ने नए 225 किलोमीटर लंबे नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी देते हुए जमीन अधिग्रहण के लिए करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई. यह हाईटेक मार्ग राज्य के 5 जिलों को कनेक्ट करेगा. आइये जानते हैं यह सड़क किन शहरों को जोड़ेगी?

बगहा से भोजपुर के बीच बनेगा एक्सप्रेस-वे

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस हाईटेक मार्ग का नाम नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तरी बिहार को दक्षिणी बिहार से सीधे जोड़ने का काम करेगा. यह एक्सप्रेस-वे बगहा से भोजपुर के बीच बनाया जाएगा.  225 किलोमीटर लंबे 6 लेन (संभावित) इस मार्ग को बनाने में करीब 4000 रोड़ रुपये खर्च किया जाएगा.  

जमीन अधिग्रहण पर खर्च होगा 3950 करोड़ 

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के तय रूट पर पड़ने वाली जमीन को खरीदने के लिए 3950 रुपये खर्च किए जाएंगे. भूमि मालिकों, किसानों और कास्तकारों की जमीन का सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा भुगतान किया जाएगा, जिससे जमीन मालिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. हालांकि, प्रोजेक्ट को बनाने के लिए 11500 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित है. पूरी परियोजना को विकसित करने (भूमि अधिग्रहण और निर्माण) प्रक्रिया में कुल 15450 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस रूट पर 5 जिले पड़ रहे हैं, जिसके अंतर्गत सैकड़ों की संख्या में गांव पड़ रहे हैं, जहां जमीन अधिग्रहित की जाएगी. हालांकि,इस परियोजना से किन गावों को सीधा फायदा होगा. इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है.

ग्रीनफील्ड हाईस्पीड कॉरिडोर के रूप में होगा विकसित

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि पहले इसकी व्यवहार्यता रिपोर्ट (Feasibility Report) तैयार की जाए, ताकि समय रहते विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाकर निर्माण कार्य शुरू किया जा सके. यह प्रस्तावित मार्ग एक ग्रीनफील्ड हाईस्पीड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा, जो पश्चिम चंपारण के बगहा (NH-772A) से भोजपुर जिले के पातर (NH-119A) तक जाएगा. 

बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें

किन जिलों से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे 

यह एक्सप्रेसवे कुल पांच जिलों को सीधे जोड़ेगा. पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण और भोजपुर। गंडक नदी पर एक नया पुल बनाने की भी योजना है. यह मार्ग पातर (आरा) में पटना-आरा-सासाराम हाईस्पीड कॉरिडोर (NH-119A) से जुड़ जाएगा, जिससे बगहा से आरा, सासाराम, वाराणसी और कोलकाता की दिशा में यात्रा आसान और तेज़ हो सकेगी. इस परियोजना के माध्यम से इन जिलों के निवासियों को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यात्रा में समय और ईंधन दोनों की बचत होगी. 

इसे भी पढ़ें: Bihar Rain Alert: बिहार में इस दिन तक जारी रहेगा बारिश का सिलसिला, पटना समेत कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version