पटना. बिहार से बच्चों की हो रही तस्करी पर रोक लगाने बिहार पुलिस बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के साथ मिलकर काम करेगी. यह बात बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित वेबिनार में सीआइडी के एडीजी विनय कुमार ने कही.
इसमें एडीजी कमजोर वर्ग अनिल किशोर यादव, एसपी कमजोर वर्ग बीणा कुमारी के साथ ही 40 पुलिस जिलों के एएचटीयू प्रभारियों ने भाग लिया. एडीजी ने कहा कि सरकार बाल तस्करी और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए जल्द ही सभी जिलों में कंबाइंड बिल्डिंग का निर्माण करायेगी.
वहां एएचटीयू समेत बाल तस्करी व मानव तस्करी को खत्म करने से जुड़े तमाम संगठन एक छत के नीचे काम करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस पिछले दिनों बिहार और दूसरे राज्यों में बाल तस्करी से जुड़े दर्ज मामलों की गवाही बच्चों के गृह जिला से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराने की व्यवस्था की जा रही है.
उन्होंने बताया कि गया में 11, किशनगंज में 10, दरभंगा में एक समेत कुल 37 मानव तस्करों को वर्ष 2017 से अब तक अदालत से सजा दिलवायी गयी है. मौके पर उपस्थित उत्तर प्रदेश कैडर की रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी सुतापा सान्याल ने इस गंभीर समस्या से निबटने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग को एक कारगर हथियार बताया.
बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कोरोना के दौरान बिहार समेत विभिन्न राज्यों में संस्था द्वारा बाल तस्करी के खिलाफ चलाये गये अभियान की जानकारी दी.
संस्था के वरीय प्रबंधक मनीष शर्मा ने पिछले कई वर्षों में विभिन्न राज्यों से मुक्त हुए बच्चों के पुनर्वास और राहत के लिए किये गये प्रयासों को विस्तार से रखा.
Posted by Ashish Jha
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