Bihar: इधर पीएम मोदी पहुंचे बिहार, उधर लालू यादव को लगा तगड़ा झटका, याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
Bihar: राजद प्रमुख लालू यादव को शुक्रवार 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. सर्वोच्च अदालत ने लैंड फॉर जॉब से जुड़ी उनकी एक याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. लालू यादव को इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट से भी झटका लग चुका है.
By Prashant Tiwari | July 18, 2025 11:39 AM
Bihar: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव को शुक्रवार 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. सर्वोच्च अदालत ने लैंड फॉर जॉब से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह मामला अभी निचली अदालत में चल रहा है इसलिए वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. हालांकि सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को जल्द निपाटने का भी आदेश दिया है. हालांकि उच्चतम न्यायालय ने लालू प्रसाद को निचली अदालत में सुनवाई में पेश होने से छूट प्रदान की है. बता दें कि लालू यादव को यह झटका तब लगा है जब प्रधानमंत्री मोदी बिहार के मोतीहारी के दौरे पर आ रहे हैं.
लालू यादव ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रूख
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने के अनुरोध को खारिज करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 18 जुलाई को सुनवाई करते हुए इस मामले में लालू यादव को झटका दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी लालू यादव को दिया था झटका
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने 29 मई को कहा था कि निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है. दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआइ की प्राथमिकी को रद्द करने की लालू प्रसाद की याचिका पर सीबीआइ को नोटिस जारी किया और सुनवाई 12 अगस्त के लिए स्थगित कर दी.
लालू प्रसाद यादव: पूर्व रेल मंत्री और आरजेडी प्रमुख, जिन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लोगों को रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती में नौकरी देने के लिए जमीन का लेन-देन किया.
राबड़ी देवी: लालू प्रसाद यादव की पत्नी, जिनके नाम पर कई जमीनें ट्रांसफर की गईं.
तेजस्वी यादव: लालू प्रसाद यादव के बेटे, जो इस मामले में आरोपी हैं और दावा करते हैं कि यह मामला राजनीतिक बदला लेने का एक तरीका है.
तेज प्रताप यादव: लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे, जिन्हें पहली बार इस मामले में समन भेजा गया है.
मीसा भारती: लालू प्रसाद यादव की बेटी, जो इस मामले में आरोपी हैं.
हेमा यादव: लालू प्रसाद यादव की बेटी, जिनके नाम पर भी जमीन ट्रांसफर की गई है.
इसके अलावा, इस मामले में अन्य आरोपी भी हैं, जिनमें अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी शामिल हैं.