नए साल 2023 की तैयारी में युवा ही नहीं सभी लोग जुट गए हैं. नये साल पर जश्न मनाने को लेकर तरह-तरह के प्लान तैयार किये जा रहे हैं. आप अगर बिहार या बिहार से बाहर रहते हैं तो आपको बिहार के कैमूर जिला के मां मुंडेश्वरी धाम, करकटगढ़ जलप्रपात, जगदहंवा डैम जैसे पिकनिक स्पॉट जरुर आना चाहिए. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती में रचा बसा कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ी और उसपर स्थित अनुपम झील का आप आनंद ले सकते हैं.
Stunning view of the Tutla Bhavani Fall, Kaimur hills, #Sasaram, Rohtas district, #Bihar
New Year पर जश्न मनाने 'आइए न हमरा बिहार में', जो बिहार में है, वो कहीं नहीं है ! pic.twitter.com/eadpmnE5SR— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) December 28, 2022
बिहार के कैमूर जिला मुख्यालय से लगभग 30 से 35 किलोमीटर की दूरी पर अधौरा पहाड़ पर स्थित अनुपम झील अपनी खूबसूरती से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. यहां पर पिकनिक मनाने व इसकी खूबसूरती निहारने के लिए हर समय लोगों का आना-जाना लगा रहता है. अनुपम झील का नाम कैमूर जिले में अधिकतर लोगों को पता नहीं है. मगर अनुपम झील का दूसरा नाम तेल्हाड़ कुंड है. प्रकृति की गोद में बसा अनुपम झील से गिरते झरने के पानी को देख वहां पहुंचने वाले लोगों को एक अलग ही सुकून मिलता है. बारिश के समय में इस झरने की खूबसूरती और बढ़ जाती है. गौरतलब है कि बीपीएससी जैसे परीक्षा में अनुपम झील कहां है, इसका प्रश्न पूछा जा चुका है.
तेलहर जलप्रपात व अनुपम झील के नाम से जाना जाता है तेल्हाड़ कुंड
दरअसल, अधौरा पहाड़ पर अवस्थित तेल्हाड़ कुंड का दो और नाम है. इसमें अधौरा तेल्हाड़ कुंड को तेलहर जलप्रपात व अनुपम झील के नाम से भी जाना जाता है. कैमूर जिले में भभुआ-अधौरा मार्ग पर स्थित अनुपम झील चारों तरफ से हरा भरा दुर्गम पहाड़ियों से घिरा हुआ है. इस झरने की खास बात यह है कि इसका पानी हमेशा ठंडा रहता है. साल के हर समय झरने का पानी बेहद शीतल होता है. लगभग 80 मीटर की ऊंचाई से गिरते हुए इस झरने की खूबसूरती चारों ओर की हरियाली, पंछियों की चिलचिलाहट और प्राकृतिक सुंदरता आने वाले पर्यटकों को मोहित कर लेती है. यह स्थान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. नये साल के अवसर पर यहां बड़े पैमाने पर लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. खासबात यह कि नये साल के मौके पर नये साल की बधाई के साथ पार्टी व डीजे की धुन पर यहां लोग थिरकते है. कड़ाके की ठंड भी युवाओं को यहां पिकनिक मनाने के लिए रोक नहीं पाती है.
अंग्रेजों का शिकार गाह रहा है तेल्हाड़ कुंड
पहाड़ पर बसे अधौरा प्रखंड के अंतर्गत पड़ने वाले प्राकृतिक पर्यटन स्थल तेल्हाड़ कुंड की खूबसूरती को निहारने जिले समेत यूपी जैसे राज्य के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं और मौज मस्ती करते हैं. यहां प्राचीन काल से प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. आजादी से पूर्व घने जंगल और दुर्गम रास्तों के बावजूद यह जलप्रपात अंग्रेजों के लिए काफी महत्वपूर्ण था. विंध्य शृंखला पर्वतमाला पर अवस्थित तेल्हाड़ कुंड अपने नाम के साथ कई महत्वपूर्ण जानकारियों पर समेटा हुआ है. जानकार बताते हैं कि अंग्रेजों के जमाने में तेल्हाड़ कुंड अंग्रेजों का शिकार गाह भी था. यहां पर अंग्रेज शिकार खेलने के लिए आते थे और कई दिनों तक रुक शिकार भी खेलते थे.
सजगता के साथ नये साल पर मनाएं पिकनिक
तेल्हाड़ कुंड जितना देखने के सुंदर है, उतना ही डेंजर जोन भी है. यहां पर पिकनिक मनाने के दौरान हर सालों देखा जाता है कि लोगों की लापरवाही से बड़ा हादसा हो जाता है. कोई सेल्फी लेने के दौरान, तो कोई नहाने के दौरान सावधानी को नजर अंदाज करने के बाद हादसा का शिकार हो जाता है. इसलिए लोगों से अपील है कि नये साल पर तेल्हाड़ कुंड पर जश्न मनाने के दौरान सावधानी व सजगता हर हाल में बरतें. क्योंकि, थोड़ी सी असावधानी लोगों को हादसा का शिकार बना देता है.
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