डुमरांव. रोहिणी नक्षत्र के आगमन के बाद से ही इलाके के किसान अपने खेतों में धान की बिचड़ा डालने की तैयारी करते करते पानी के अभाव में परेशानियों का सामना कर रहे हैं, करूअज गांव के किसान बीरेंद्र सिंह मौर्य ने बताया कि अभी तक नहरों में पानी नहीं आने से किसान चिंतित हैं, जब कि दो दिन और रोहिणी नक्षत्र का समय शेष बचा है. इस हालत में किसानों को नहर में पानी के आभाव में सबमर्सिबल के सहारे अपने खेतों में बिचड़ा डालने के लिए खेतों को तैयार करना पड़ रहा है. सिकरौल- डुमरांव रजवाहा से जुड़े किसानों का कहना है नहर में पानी नहीं आया, जिसके चलते लोगों को बिचड़ा डालने में परेशानी उठानी पड़ रही है. प्रखंड के कचैनिया गांव के किसान धर्मेंद्र पांडेय, छोटक पांडेय, मनजी पांडेय, मुन्ना चौबे का कहना है कि हर साल पानी के आभाव में हम सभी को निजी ट्यूबवेल के सहारे ही खेती करनी पड़ती है. जब कि यहां के किसान रामपुर-आथर रजवाहा से जुड़े हुए हैं. जिसमें कभी पानी आता हीं नहीं, जिसके चलते इस रजवाहा से जुड़े किसानों को नहर में पानी के आभाव में निजी ट्यूबवेल के सहारे ही खेतों को तैयार कर बिचड़ा डालने की कोशिश की जा रही है. किसान सह भाजपा नेता संतोष दुबे ने कहां की किसान धान का बिचड़ा डालने के लिए पानी के अभाव में परेशानियों का दंश झेल रहे हैं उन्होंने कहा कि नहर विभाग की उदासीनता के वजह से सिकरौल-डुमरांव रजवाहा नहर में अभी तक पानी नहीं आने के वजह से नहर में धूल उड़ रही है, जिसके चलते ज्यादातर किसान अपना बिचड़ा नहीं डाल पा रहे हैं. जब कि कुछ जगहों पर किसानों के खेतों में निजी ट्यूबवेल के सहारे किसी तरह बिचड़ा डालने का कार्य प्रारंभ हुआ है.
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