कबूतर के बच्चे को पकड़ने गया था
घटना के संबंध में बताया जाता है कि खिरियांव गांव के वार्ड- 8 निवासी शत्रुघन प्रसाद उर्फ भोला साह का 12 वर्षीय रंजन कुमार तीन भाइयों में बीच का है, जो मानसिक रूप से कमजोर भी है. वो दो दिनों से लापता था. परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन कहीं भी कुछ पता नहीं चल पाया. इसी बीच परिजनों को किसी से सूचना मिली कि उनका बेटा सोन नदी के पुल में फंस हुआ है. परिजन जब वहां पहुंचे तो पता चला कि कबूतर के बच्चे को पकड़ने के लिए 12 वर्षीय रंजन कुमार पुल के पिलर के बीच में चला गया है. वहां जाकर बच्चा फंस गया था. इसके बाद यह खबर आग की तरफ पूरे इलाके में फैल गई. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने बच्चे को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
पिलर के बीच ये 30 घंटे बाद निकला
12 साल का रंजन बुधवार की दोपहर को सोन नदी के पास खेल रहा था. इसी दौरान रंजन की नजर एक कबूतर पर पड़ी. रंजन उसे पकड़ने के लिए पुल के उस पिलर के पास चला गया, जो दीवार से बिल्कुल सटा सा था. पुल और दीवार के बीच में बहुत कम जगह थी. इसमें से कबूतर पकड़ने लिए लिए बच्चा घुस गया, लेकिन बच्चा पिलर के पार नहीं जा सका और बीच में अटक गया. बच्चा डर की वजह से रोने लगा. इतने में वहां से गुजर रही एक महिला ने बच्चे को फंसा देखा, तो गांव वालों को खबर दी. फिर पुलिस प्रशासन के पास इसकी सूचना पहुंची. सूचना पर पुलिस पहुंची और बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को बुलाया गया. गुरुवार को रेस्क्यू की टीम ने बच्चे को बाहर तो निकाल लिया, लेकिन मेडिकल जांच के दौरान डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.