कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहे पीएल पूनिया ने बुधवार को कहा है कि गोपालगंज के DM की हत्या करने वाले आनंद मोहन(पूर्व सांसद) जेल में हैं. उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं. उन्हें सजा से पहले छोड़ने के लिए कानून नियमों में संशोधन किया जाता है ताकि वे जल्दी रिहा हो जाएं, इससे देश में गलत संदेश जा रहा है. इस पर सेंट्रल आइएएस एसोसिएशन ने जो टिप्पणी है कि इसे वापस लेना चाहिए , वह सही मांग है. बिहार सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया का यह बयान कांग्रेस की ओर से ‘डैमेज से पहले कंट्रोल’ माना जा रहा है. उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक अहमद गैंग पर योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई से कानून व्यवस्था का मुद्दा गरमा गया है. योगी सरकार की लोकप्रियता रातोंरात कई गुना बढ़ गयी है. बिहार में कांग्रेस सरकार का हिस्सा है. पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिए बिहार सरकार ने कानून ऐसे समय बदला है जब यूपी में लोकसभा का लिटमस टैस्ट माने जा रहे निकाय चुनाव हैं. ऐसे में भाजपा कांग्रेस की छवि को अपराधी-माफिया को बढ़ाने वाले दल के रूप में पेश कर सियासी लाभ ले सकती है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया के बयान से पहले बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नाराजगी जता चुकी हैं. मायावती ने कहा ‘ बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है.