मुंगेर : एक लाख का इनामी एवं जिले के टॉप टेन में शामिल कुख्यात पवन मंडल ने मंजीत मंडल एवं चंदन कुमार हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. उसने स्पष्ट कहा कि मंजीत उसके जमीन कारोबार में बाधक बन गया था. जिसके कारण उसने मंजीत को रास्ते से हटावा दिया. गिरफ्तार पवन को सोमवार को मेडिकल जांच के उपरांत न्यायालय में उपस्थापन करवा कर जेल भेज दिया गया.
मुंगेर पुलिस के लिए चुनौती थी गिरफ्तारी, एसटीएफ ने पकड़ा
एसपी सैयद इमरान मसूद ने बताया कि अगस्त 2022 से कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बीचागांव निवासी समीर सागर उर्फ पवन मंडल दोहरे हत्याकांड सहित कई कांडों में फरार चल रहा था. जिसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गयी थी. उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम लगातार छापेमारी अभियान चला रही थी. इसी बीच बिहार एसटीएफ को सूचना मिली कि पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के सददतपुर थाना क्षेत्र के खड़गपुर में अपने परिवार के साथ छिपा हुआ है. एसटीएफ टीम ने वहां छापेमारी कर पवन मंडल को गिरफ्तार किया और रविवार की देर रात मुफस्सिल थाना पुलिस को सौंप दिया.
दोहरे हत्याकांड में स्वीकारी अपनी संलिप्तता
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार पवन मंडल ने दोहरे हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है. विदित हो कि 13 जुलाई 2024 को हथियारबंद अपराधियों ने कासिम बाजार थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी कुख्यात मंजीत मंडल और उसके सहयोग चालक चंदन की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. जिसमें मृतक की मां ने मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें पवन मंडल को मुख्य आरोपी बनाया गया था. पूछताछ में गिरफ्तार पवन मंडल ने बताया कि मंजीत मंडल उसके गैंग का ही सदस्य था और उसका दोस्त भी थी. लेकिन मेरे फरारी के समय उसने मेरे गैंग को तोड़ कर मेरे ही लड़कों को साथ में रख कर जमीन का कारोबार मेरे इलाके में स्वयं करने लगा. पहले कहा था कारोबार में हिस्सा देंगे, बाद में मुकर गया. उसके कारण मेरा कारोबार प्रभावित होने लगा. जिसके कारण मैंने ने ही अपने लड़कों के माध्यम से शुटरों की व्यवस्था कर मंजीत व चंदन की हत्या करवा दी.
पांच कांडों में चल रहा था फरार, 25 से अधिक दर्ज हैं मामले
गिरफ्तार पवन मंडल पर मुंगेर जिले के विभिन्न थानों में 25 से अधिक मामले दर्ज हैँ. जिसमें सर्वाधिक मामला 20 से अधिक कासिम बाजार थाना में दर्ज है. जिसमें हत्या, लूट, रंगदारी, जमीन पर कब्जा, हत्या का प्रयास, गोलीबारी करने और आर्म्स एक्ट का मामला शामिल है. पांच कांडों में वह फरार चल रहा था. जिसमें दोहरे हत्याकांड को लेकर दर्ज मुफस्सिल थाना कांड संख्या 258/2024 शामिल है. इसके अतिरिक्त 2024 का एक एवं 2022 का दो तथा 2023 का एक मामला है जिसमें वह फरार चल रहा था. जिसमें उसकी पुलिस तालाश कर रही थी. पुलिस ने उसे मुफस्सिल थाना कांड संख्या 258/2024 में न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
दूसरे जेल शिफ्ट करने पर हो रहा है विचार
एसपी ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर पवन मंडल को मुंगेर मंडल कारा भेजा गया है. पुलिस टीम यह जांच कर रही है कि मुंगेर जेल में उसको रखना कितना सही और कितना खतरनाक है. जिसके बाद ही यह तय किया जायेगा कि उसे किस दूसरे जेल में शिफ्ट करना है. तत्काल वह मुंगेर जेल में ही रहेगा. विदित हो कि पवन मंडल ने जेल में रहते ही अपने दुश्मन उत्तम शर्मा की हत्या एसपी ऑफिस के पास उसके रेस्टोरेंट में करवा दिया था. जबकि जेल में रहते हुए उसने जेल की सुरक्षा में तैनात एक सिपाही को गश्ती के दौरान जेल के बाहर अपने गुर्गों से गोली मरवा दिया था. जिसमें सिपाही काफी इलाज के बाद बच पाया था. विदित हो कि दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने पवन मंडल गैंग के आधे दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल में भेज दिया था. जो अभी भी जेल में बंद है. माना जा रहा है कि पवन मंडल जेल में बंद अपने गुर्गों के साथ मिल कर जेल के अंदर अपना बर्चस्व कायम करने के लिए कुछ भी कर सकता है. जबकि जेल से वह बाहर अपना गिरोह संचालित कर सकता है. इसको देखते हुए कयास लगाया जा रहा है बहुत जल्द पवन मंडल को दूसरे जेल में शिफ्ट किया जा सकता है.
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2006 से ही अपराध की दुनिया को संचालित कर रहा पवन मंडल
पवन मंडल मूल रूप से हथियार का कारोबारी था. पहला केश उसके खिलाफ कासिम बाजार थाना में 10 सितंबर 2006 में दर्ज हुआ था. जिसके बाद उसका जेल जाना और बाहर निकलने का खेल जारी हो गया. थाना भी आना-जाना उसका शुरू हो गया. जिसके बाद वह कासिम बाजार थाना के लिए मुखबिरी का काम करने लगा. धीरे-धीरे वह अपना गिरोह बना आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा. वह 2015 में पंकज वर्मा हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया. जमीन कारोबार के विवाद में 2 फरवरी 2015 को पवन मंडल ने मकससपुर निवासी पंकज वर्मा को मरवा दिया था. उसे मकससपुर काली स्थान के समीप गोलियों से भून दिया गया था. इसके बाद अपराध की दुनिया का वह बादशाह बन गया. पंकज वर्मा हत्याकांड का गवाह मकससपुर निवासी उत्तम शर्मा को जेल में बंद रहते हुए मार्च 2015 में एसपी ऑफिस के समीप हत्या करवा दी. नवंबर 2016 में उसने अपने विरोधी कुख्यात अपराधी घोषी टोला निवासी सूरज साह उर्फ झरकहवा को विजय सिनेमा हॉल में गोलियों से भूनवा दिया. झरकहवा हत्याकांड का मुख्य गवाह झरकहवा की मां मीणा देवी को भी उसने जुलाई 2017 में गोलियों से भूनवा दिया था. उसने सजा से बचने के लिए गवाहों को मरवाना और डराने का काम शुरू किया. यही कारण है कि उसे किसी भी कांड में सजा नहीं हो पाया. अगस्त 2018 में एक के बाद एक 22 एके-47 मुंगेर में पुलिस ने पकड़ा. इसमें पवन मंडल का भी नाम इस कांड में जोड़ा गया. जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. वर्ष 2022 में वह कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ. जेल से निकलने के बाद उसने जमीन पर जबरन कब्जा करने की गतिविधि को तेज कर दिया. 3 अगस्त 22 को पुरानीगंज निवासी यज्ञ नारायण के घर घुसकर पवन मंडल सहित उसके गुर्गों ने मारपीट करते हुए रंगदारी की मांग की थी. इस मामले में कासिम बाजार थाना में कांड संख्या 238/22 दर्ज किया गया.जिसके बाद से वह फरार चल रहा था और बाहर से ही अपना आपराधिक गतिविधियों को संचालित करता रहा.
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