Gaya news : विनयनगर महादलित टोले में आफत बन कर आती है गर्मी

Gaya news : एक तरफ पहाड़ की तपन, तो दूसरी तरफ गर्मी की मार, प्यास बुझना चुनौती

By PANCHDEV KUMAR | April 23, 2025 11:16 PM
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गुरारू. प्रखंड की डीहा पंचायत के अंतर्गत विनयनगर गांव के लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. ग्रामीणों की माने तो गांव में पेयजल की इतनी किल्लत है कि गर्मी के मौसम में दूसरे टोला से अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पानी लाना पड़ता है. इससे काफी कठिनाई होती है. हर साल गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह गांव डीहा पहाड़ के नीचे है. गांव की बिंदा देवी, गीता देवी, सुमित्रा देवी, आरती देवी, सत्येंद्र मांझी, कारू मांझी के साथ दर्जनों की संख्या में उपस्थित महिला, पुरुष व बच्चाें ने बताया कि गर्मी का मौसम हम ग्रामीणों पर कहर बन कर टूटता है. एक तरफ पहाड़ की तपन तो दूसरी तरफ प्यास से हलकान से लोग काफी परेशान रहते हैं. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि स्कूली बच्चे हों या गांव के अन्य लोग, नहाना तो दूर की बात प्यास बुझाना भी चुनौती है. हमें पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. गर्मी के दिन में हमारे टोले में लगा हुआ चापाकल अगर खराब हो जाता है तो पानी के लिए दूसरे टोले या दूसरे गांव का रुख करना पड़ता है. यह समस्या हमारे टोले में खास कर गर्मियों के मौसम में बनी रहती है. कई बार अलग-अलग अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने बताया 150 घर वाली इस महादलित बस्ती में पानी के लिए त्राहिमाम है. क्या कहती हैं मुखिया इस संबंध में डीहा पंचायत की मुखिया सुनिता देवी ने बताया कि नल जल लगा हुआ है. विगत दो वर्षों से नल जल का बोरिंग फेल है. इससे इस गांव में लोगों को परेशानी है. उन्होंने कहा कि पदाधिकारी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं. इस समस्या को लेकर कई बार उन्हें अवगत कराया गया है. लेकिन, वे इसपर संज्ञान नहीं ले रहे हैं. जल्द ही डीएम से मिलेंगे और पानी की समस्या से अवगत करायेंगे. उन्होंने कहा कि यह समस्या सिर्फ इस गांव में नहीं कई और गांवों में हैं. इस दिक्कत को दूर किया जायेगा. क्या कहते हैं लोग ग्रामीणों को पेयजल रुला रहा है. यहां तक की मजदूरी करने में भी बाधा पहुंच जाती है. पेयजल के लिए लोगों को लाइन लगाना पड़ता है. पानी को लाने के चक्कर में मजदूरी का समय निकल जाता है. सत्येंद्र मांझी, ग्रामीण ग्रामीण के द्वारा कई बार गुहार लगायी गयी, पर न तो कोई जनप्रतिनिधि सुन पा रहा और न ही कोई पदाधिकारी सुन रहा. ग्रामीण पेयजल की समस्या से कई वर्ष से जूझ रहे हैं. इसको दूर किया जाये. गीता देवी, ग्रामीण गांव में गरीब परिवार के लोग रहते है. सब लोग बोरिंग अलग-अलग नहीं करवा सकते. सरकारी चापाकल से पहले काम चल जाता था, लेकिन नल जल आने के बाद सरकारी चापाकल भी खराब पड़ा है. बिंदा देवी, ग्रामीण गांव में नल जल लगा हुआ है, पर सिर्फ सपने देखने के लिए. कुछ दिन तक पानी मिला, लेकिन अब गांव में लोगों के घरों तक नल जल का पानी नही मिल रहा है. इसे जल्द चालू किया जाये. सुमित्रा देवी, ग्रामीण पेयजल संकट को लेकर ऊपर के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन जैसी स्थिति थी. अगर गांव के चापाकल खराब हो जाते हैं, तो दिक्कत हो जाती है. कारू चौधरी, ग्रामीण कई बार नहाना तो दूर पीने के पानी के लिए तरस जाते हैं. कई बार प्रशासन से गुहार लगायी गयी है. सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. पानी के लिए एक-दूसरे से झगड़े हो जाते हैं. आरती देवी, ग्रामीण

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