Bihta: स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि पर 26 जून को सीताराम आश्रम में होगा भव्य आयोजन

Bihta News: स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि पर 26 जून को बिहटा स्थित सीताराम आश्रम में भव्य कार्यक्रम होगा. अमेरिका से विद्वान आएंगे, अस्थि विसर्जन और जनसभा होगी. हवाई अड्डे का नामकरण प्रस्ताव रखा जाएगा. किसान सभा गांव-गांव जाकर जागरूकता फैला रही है.

By Prashant Tiwari | June 23, 2025 6:40 PM
an image

Bihta News: मोनु कुमार मिश्रा, बिहटा: स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, प्रखर समाज सुधारक और भारतीय किसान आंदोलन के प्रणेता स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि 26 जून को बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी. इस ऐतिहासिक अवसर पर बिहटा के राघवपुर स्थित श्री सीताराम आश्रम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जहां देश-विदेश के नामचीन वक्ता, किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जुटेंगे.

ट्रस्ट के सचिव ने क्या कहा ? 

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए श्री सीताराम आश्रम ट्रस्ट के सचिव डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने बताया कि इस आयोजन में अमेरिका से भी सात प्रमुख विद्वान शामिल हो रहे हैं. इनमें स्वामी जी पर दुनिया में पहली बार पीएचडी करने वाले प्रोफेसर वाल्टर हाउज़र के परिजन विशेष रूप से भारत आ रहे हैं. वे स्वामी जी की अस्थियों को भारत लाएंगे, जिन्हें पटना के दीघा घाट पर गंगा नदी में पूरे वैदिक विधि-विधान के साथ प्रवाहित किया जाएगा. यह अस्थि विसर्जन कार्यक्रम 26 जून की सुबह 9 बजे संपन्न होगा.

सभा में रखा जाएगा महत्वपूर्ण प्रस्ताव 

दोपहर 12:30 बजे से श्री सीताराम आश्रम परिसर में एक विशाल जनसभा का आयोजन होगा, जिसमें हजारों की संख्या में किसान, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और आमजन भाग लेंगे. इस जनसभा में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसमें पटना के बिहटा में निर्माणाधीन हवाई अड्डे का नाम स्वामी सहजानन्द सरस्वती अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखने की मांग की जाएगी. कार्यक्रम में बिहार सहित उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, पंजाब, दिल्ली और तमिलनाडु से किसान संगठन, छात्र संगठन, महिला समूह, प्रोफेसर, लेखक और पत्रकार शिरकत करेंगे.

Also read: नदी में डूबने से 4 मासूमों की मौत, दो लापता, ग्रामीणों ने जताई हत्या की आशंका 

किसान सभा के कार्यकर्ता गांव-गांव में जागरूकता

बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रविन्द्र नाथ राय ने बताया कि स्वामी सहजानन्द सरस्वती ने आजादी से पहले यहीं सीताराम आश्रम से संगठित किसान आंदोलन की नींव रखी थी. उनका नेतृत्व इतना प्रभावशाली रहा कि बिहार देश का पहला राज्य बना जिसने जमींदारी प्रथा को समाप्त किया. इस प्रेरणास्पद विरासत को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किसान सभा के कार्यकर्ता गांव-गांव में संपर्क कर रहे हैं और 26 जून के कार्यक्रम की तैयारियों में जी-जान से जुटे हैं. यह कार्यक्रम केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि स्वामी जी के विचारों को पुनर्जीवित करने और नई पीढ़ी तक पहुँचाने का माध्यम बनेगा

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version