बिहार में एक बार फिर पेपर लीक की आशंका, जमुई में ट्रेजरी की जगह सीधे परीक्षा केंद्र पहुंचा इंटर का पेपर

इंटर परीक्षा के आयोजन से ठीक पहले इतनी बड़ी चूक सामने आने के बाद एक बार फिर बिहार में परीक्षाओं को लेकर सवालिया निशान उठ खड़े हुए हैं. पूरे मामले में सब की निगाहें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर टिकी है और देखना है कि मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2023 9:59 PM
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बिहार में आगामी एक फरवरी से इंटर की परीक्षाएं होनी है, लेकिन इससे ठीक पहले जमुई से एक बड़ी गड़बड़ सामने आई है. जमुई में इंटर का प्रश्न पत्र ट्रेजरी में पहुंचने की बजाय सीधे परीक्षा केंद्र पर पहुंच गया. जिसके बाद बिहार में एक बार फिर पेपर लीक की संभावना तेज हो गई है. गौरतलब है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा आगामी एक फरवरी से पूरे बिहार में एक साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसे लेकर तैयारियां की जा रही है और बोर्ड के द्वारा सभी जिलों को प्रश्न पत्र एवं उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराया जा रहा है.

ट्रेजरी की जगह सीधे परीक्षा केंद्र पहुंचा प्रश्नपत्र 

सोमवार को इंटर परीक्षा का प्रश्न पत्र जमुई भेजा गया था, जिसे जिला कोषागार में रखना था. लेकिन देर शाम प्रश्नपत्र जिला कोषागार पहुंचने की बजाय सीधे परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गया. बताते चलें कि इस दौरान कई परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र पहुंचने की सूचना है. जब मीडिया कर्मियों को इसकी खबर हुई तब कुछ मीडिया कर्मी मौके पर पहुंचे, इसके बाद सारा मामला सामने आ गया. हालांकि मीडिया कर्मियों को देखकर विद्यालय में तैनात कर्मी इधर-उधर भागने लगे.

परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र मंगाया गया वापस 

जमुई में प्रश्न पत्र को लेकर हुई गड़बड़ी की सूचना प्रकाश में आने के बाद बिहार बोर्ड के होश उड़ गए. इसके बाद आनन-फानन में हर परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र वापस मंगाया जाने लगा और उसे जमुई मुख्यालय स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय जमुई के एक कमरे में रखा गया, जहां से पदाधिकारियों के द्वारा आनन-फानन में उसे कोषागार भेज दिया गया.

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परीक्षा को लेकर उठने लगे सवाल 

परीक्षा के आयोजन से ठीक पहले इतनी बड़ी चूक सामने आने के बाद एक बार फिर बिहार में परीक्षाओं को लेकर सवालिया निशान उठ खड़े हुए हैं. हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद जब संबंधित पदाधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तब उनके द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने तो अपना फोन ही स्विच ऑफ कर लिया. जबकि सिविल एसडीओ ने फोन नहीं उठाया, फिलहाल अब पूरे मामले में सब की निगाहें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर टिकी है और देखना है कि मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है.

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