Katihar floods: गंगा, कोसी के जलस्तर में वृद्धि, शुद्ध पेयजल और भोजन तक की लोगों को हो रही किल्लत

कटिहार में गंगा और कोसी के जलस्तर लगातार वृद्धि हो रही है. इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, लोगों को अब शुद्ध पेयजल और भोजन तक की किल्लत हो रही है. प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2022 6:34 AM
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कटिहार. कोसी, गंगा नदियों के बाढ़ के फैलाव से मुश्किलें बढ़ती जा रही है. निचले भूभाग पर बसे गांवों में बाढ़ प्रवेश कर चुका है. प्रभावित गांवों के लोग जानमाल सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे है. तटीय क्षेत्रों के गांवों में बाढ़ ने कई तरह की मुसीबतों को पैदा कर दिया है. आवागमन साधन टूटने के साथ जीवन बसर को कष्टकारी बना दिया है. जानकारी अनुसार तटीय भूभाग के गांव बाघमारा, पंचखुटी, मेहरटोला, गुमटीटोला, पत्थल टोला, शेरमारी चांयटोला, कमलाकान्ही, मलेनिया, मिर्जापुर, बसुहार मजदिया आदि गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. इसी तरह आदर्श ग्राम यादवटोली, खेरिया, तीनघरिया, बालूटोला, कुरसेला बस्ती, कटरिया, बल्थी महेशपुर आदि गांव बाढ़ से लगातार घिरता जा रहा है.

बाढ़ से कई गांवों का आवागमन संपर्क भंग

नदियों के बाढ़ ने कई गांवों के आवागमन संपंर्क को भंग कर दिया है. प्रभावित गांवों के लोग नाव के सहारे मुख्य सड़कों तक आवागमन कर रहे है. गंगा, कोसी का बढ़ता जलस्तर प्रभावित क्षेत्र के जनमानस की समस्यायें बढ़ाती जा रही है. माना जा रहा है कि अगामी कुछ दिनों तक नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रह सकता है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि गंगा, कोसी का यह मकरा बाढ़ है. यह बाढ़ धीरे-धीरे क्षेत्र को प्रभावित करता रहेगा. समझा जाता है कि नेपाल के तराई क्षेत्रों में बरसा के अधिक होने से कोसी नदी का जलस्तर अधिक बढ़ रहा है. इस तरह उत्तराखंड मे अधिक बारिश होने से गंगा नदी के जलस्तर में इजाफा बना हुआ है.

गंगा व महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि

जिले के अमदाबाद प्रखंड क्षेत्र में गंगा व महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. प्रखंड के कुछ हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल गया है. धीरे-धीरे बाढ़ का पानी गांव की ओर अपना पांव पसार रही है. कुछ पंचायतों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. जिससे बाढ़ पीड़ित परिवार परेशान हैं. निचले हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल जाने से मवेशी पालक भी परेशान नजर आ रहे है. साथ ही कुछ लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन करने में जुट गये है. कुछ बाढ़ पीड़ित परिवार अभी भी अपने घरों में ही बने हुए हैं. प्रखंड के भरत टोला, मुरली राम टोला, भोला मारी, भादु टोला, जिलेबी टोला सहित विभिन्न गांव बाढ़ के पानी से घिर चुका है.

‘एक माह से नाव से आवागमन किया जा रहा है’

बबला बन्ना गांव के लोगों ने कहा कि बबला बन्ना गांव से दुर्गापुर पंचायत के मोहन कुप्पी चौक तक नाव से जाने के बाद ही प्रखंड मुख्यालय या अन्यत्र स्थानों तक आवागमन किया जा सकता है. उक्त लोगों ने कहा कि पिछले एक माह से नाव से आवागमन किया जा रहा है. स्थानीय नाविक मनमाने रूप से भाड़ा तहसीलते हैं. उधर जिलेबी टोला गांव के लोग बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं.

शुद्ध पेयजल भोजन की हो रही समस्या

लोगों ने बताया कि शुद्ध पेयजल भोजन आदि का गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. सबसे अधिक शौच करने की समस्या एवं मवेशियों की चारा की समस्या हो रही है. जिलेबी टोला गांव सहित अन्य गांव के मवेशी भूख से बिलबिला रहे हैं. जिलेबी टोला गांव के लोगों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. यहां तक कि इस गांव का चापाकल भी डूब गया है. वहीं, स्थानीय प्रशासन द्वारा इन्हें सुरक्षित स्थानों पर अब तक नहीं पहुंचाया गया है. चापाकल डूब जाने से शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं करायी जा रही है. घर की समान को छोड़कर कहीं जा भी नहीं पा रहे हैं. जिलेबी टोला गांव के बाढ़ पीड़ित परिवार किसी तरह प्लास्टिक टांग कर रुखा सूखा खाकर समय काट रहे हैं.

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