कोढ़ा कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र में रविवार की दोपहर मौसम ने अचानक करवट ली और तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गयी. एनएच-81 से सेमापुर को जोड़ने वाली मुख्यमंत्री ग्राम सड़क पर एक विशाल पेड़ गिर गया. मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया. इस घटना ने क्षेत्र में अफरा-तफरी मचा दी और यातायात व्यवस्था घंटों तक बाधित रही. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब अचानक तेज हवाएं चलने लगीं. झमाझम बारिश होने लगी. सड़क किनारे खड़ा एक बड़ा पेड़ तेज आंधी के कारण मुख्य मार्ग पर आ गिरा. पेड़ गिरते ही दोनों ओर से दर्जनों गाड़ियां फंस गयी और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. स्थिति यह रही कि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार यात्रियों को भी खुले आसमान के नीचे घंटों इंतजार करना पड़ा. ग्रामीणों ने दिखाई हिम्मत, खुद हटाया पेड़ प्रशासन की ओर से जब कई घंटे तक कोई मदद नहीं पहुंची तो इलाके के ग्रामीणों ने खेद से पेड़ को हटाने का बीड़ा उठाया. सद्दाम, सलीम, सिकंदर, जावेद, नसीम, मुन्ना सहित दर्जनों युवाओं ने मिलकर रस्सियों, कुल्हाड़ियों व आरे की मदद से पेड़ को काटकर सड़क से हटाया. लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पेड़ को पूरी तरह से हटाया जा सका. धीरे-धीरे फंसे हुए वाहन अपनी-अपनी मंज़िल की ओर बढ़ सके. ग्रामीणों का यह प्रयास सराहनीय रहा और उन्होंने यह साबित कर दिया कि संकट की घड़ी में एकजुट होकर किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है. प्रशासन पर उठे सवाल, ग्रामीणों ने जतायी नाराजगी प्रशासनिक सुस्ती पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जतायी. ग्रामीणों ने कहा, इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई भी प्रतिनिधि या मदद नहीं पहुंचे. लोगों को खुद ही समाधान ढूंढना पड़ा. ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मार्ग पर समय-समय पर पेड़ों की छंटाई की जाए और खतरे की स्थिति वाले पुराने पेड़ों को चिन्हित कर हटाया जाय. ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. आपदा के समय त्वरित राहत और बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन को अधिक सतर्क और जिम्मेदार बनाया जाय.
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